CAA: केंद्रीय मंत्री के बयान पर कांग्रेस विधायक ने दिया विशेषाधिकार के उल्लंघन का नोटिस
नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर केरल विधानसभा द्वारा पारित किये गए प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा दिए गए बयान पर केरल के कांग्रेस विधायक ने विशेषाधिकार के उल्लंघन का नोटिस दिया है।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में केरल विधानसभा में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ था। इस प्रस्ताव में साफतौर पर कहा गया था कि केरल में लागू नहीं किया जाएगा।
इस प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि कनून के पास करने का अधिकार विधानसभा को नहीं है बल्कि सिर्फ सिर्फ संसद को है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर के इस बयान के खिलाफ शुक्रवार को केरल में कांग्रेस के विधायक सी जोसेफ ने विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन को विशेषाधिकार के उल्लंघन का नोटिस दिया है।
इस नोटिस में कहा गया है कि केरल विधानसभा द्वारा पारित किये गए प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी केरल विधानसभा के विशेषाधिकार का उल्लंघन है।
नोटिस में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा प्रस्ताव पर की गई वह टिप्पणी निराधार है, जिसमे केंद्रीय मंत्री ने एक प्रस्ताव पारित करने के लिए विधानसभा पर सवाल उठाया है। विधानसभा को रिजॉल्यूशन पास करने की शक्ति प्रदान है।
क्या कहा था रविशंकर प्रसाद ने:
नागरिकता कानून को लेकर केरल विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि संविधान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच शक्तियों का बंटवारा है और उसके अंतर्गत नागरिकता कानून केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। प्रसाद ने कहा था कि संविधान की संघ सूची के विषयों में 17वें स्थान पर नागरिकता का जिक्र है, ऐसे में नागरिकता कानून पर केवल संसद ही कानून बना सकती है, किसी विधानसभा को ऐसा करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है।
बता दें कि 31 दिसंबर को केरल विधानसभा में नागरिकता कानून को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया था। प्रस्ताव पेश करते हुए सीएम विजयन ने कहा कि केरल में धर्मनिरपेक्षता, यूनानियों, रोमन, अरबों का एक लंबा इतिहास है। हर कोई हमारी जमीन पर पहुंचा।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि केरल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा। केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को हटाने की मांग संबंधी यह प्रस्ताव पास हो गया।