8 दिसंबर को किसानो के भारत बंद को कांग्रेस, वामदलों और ट्रेड यूनियनों का समर्थन

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान संगठनों द्वारा 8 दिसंबर को आयोजित किये जा रहे भारत बंद को कांग्रेस, वामदलों और ट्रेड यूनियनों के अलावा कई अन्य राजनैतिक दलों ने समर्थन का एलान किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 8 दिसंबर को होने वाले भारत बंद का पूर्ण समर्थन करती है। राहुल गांधी जी ने हस्ताक्षर अभियान, किसान व ट्रैक्टर रैली करके किसानों के पक्ष में आवाज उठाई थी, उसी आवाज को बुलंद करते हुये हम 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी जी के प्रधानमंत्री काल का नोटबंदी से लेकर कृषि के तीन काले बिलों तक का सफर देखेंगे तो स्पष्ट हो जायेगा कि प्रधानमंत्री ने जो निर्णय स्वयं लिये हैं, जिन निर्णयों में पिछली सरकार का कोई योगदान नहीं, उन निर्णयों ने देश को नुकसान पहुंचाया है।
पवन खेड़ा ने कहा कि अपने पूंजीपति मित्रों के लिए, कालाबाजारी को प्रोत्साहन देने के लिये कानूनों को लागू किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने तो कानून वापस लेने पर उद्योगपतियों का जिक्र कर स्पष्ट कर दिया है कि ये कानून किसान के लिये नहीं बल्कि उद्योगपतियों के लिये है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर चोट कर रही है; जिससे देश का किसान क्रोधित है। मोदी सरकार सीधे-सीधे APMC पर चोट कर रही है, जिससे MSP पर भी चोट हुई है।
पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी के कुछ मंत्री हमारे किसानों को पाक और चीन का एजेंट करार दे देते हैं और हरियाणा के मुख्यमंत्री खालिस्तानी करार दे देते हैं। चाटूकार मीडिया में चलाया जाता है कि ईडी की जांच होगी कि किसानों को विदेशी फंडिंग मिल रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हमारे देश के 62 करोड़ किसानों के प्रदर्शन की मुख्य वजह MSP रही है। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के बारे में बार-बार बोला जाता है कि हमने लागू कर दी, लेकिन सरकार नहीं बताती कि कौनसा फॉर्मूला लागू किया है।
वहीँ किसानो के भारत बंद को लेफ्ट पार्टियों के अलावा ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन का एलान किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, डीएमके नेता स्टालिन ने पहले ही किसान आंदोलन के समर्थन का एलान किया है।