राहुल गांधी ने की मांग ‘लद्दाख पर हो संसद में चर्चा’, स्थगन प्रस्ताव दिया
नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने लद्दाख को राज्य के दर्जे और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।
राहुल गांधी ने कहा कि वे लेह एपेक्स बॉडी औऱ कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस के सदस्यों के साथ साथ हितधारकों के साथ एक समिति का गठन करना चाहते हैं और इसे लेकर वह संसद में चर्चा करना चाहते हैं जिससे उनकी मांगों पर विचार हो सके।
राहुल गांधी ने कहा कि लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में चिंता है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कई प्रमुख नेताओं ने बड़े स्तर पर आंदोलन करने की घोषणा की है।
राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम लद्दाख का मुद्दा उठाना चाहते हैं तो सरकार उठाने नहीं देती, किसानों का मुद्दा उठाना चाहते थे सरकार नहीं उठाने देती।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता से जुड़े विषयों पर चर्चा नहीं हो देती।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य और वहां के लोगों की कई मांगों के विषय को लेकर कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। लेकिन यह विषय उठाने नहीं दिया गया। मैं लद्दाख में लोगों से कहना चाहते हैं कि हम आपके साथ हैं।’’
एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की नहीं, बल्कि सरकार की होती है। उन्होंने यह भी कहा कि गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खस्त किया जाना चाहिए और सदन में लखीमपुर खीरी मामले को लेकर चर्चा होनी चाहिए।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य अखिलेश यादव की ओर से उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाए जाने से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने दावा किया कि सरकार लोकतंत्र पर निरंतर हमले कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘पेगासस का विषय अंतराष्ट्रीय मामला था। किसी और देश में हिंदुस्तान का डेटा रखा गया था। सरकार ने यहां इस पर भी चर्चा नहीं होने दी। लोकतंत्र पर लगातार आक्रमण हो रहा है।’’
गौरतलब है कि पिछले दिनों लद्दाख के मुद्दों को लेकर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद लेह के काउंसिलर सेरिग नाम्गयाल की अध्यक्षता में कांग्रेस की एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी।