शाहीन बाग़ प्रोटेस्ट में बोले मणिशंकर अय्यर: मैं हर कुर्बानी के लिए तैयार
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ में चल रहे प्रोटेस्ट में आज कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने शिरकत की। अपने जोशीले अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले मणिशंकर अय्यर ने अपने सम्बोधन में एक बार फिर विवादित बयान दे दिया।
मणिशंकर अय्यर ने नागरिकता कानून के खिलाफ लड़ाई को लेकर कहा कि मैं इसके लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हूँ। मणिशंकर अय्यर ने दोहराया कि मैं आप सबके लिए नहीं कह रहा, मैंने हम नहीं कहा बल्कि मैं अपनी बात कह रहा हूँ, कि इस लड़ाई के लिए मैं कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हूँ।
अय्यर ने आगे कहा कि शाहीन बाग के लोगों का समर्थन करने आया हूं। उन्होंने कहा कि देखते हैं किसका हाथ मजबूत है, हमारा या कातिलों का …,
गौरतलब है कि मणिशंकर अय्यर ने गुजरात विधानसभा के दौरान पीएम मोदी का नाम लेकर विवादित दिया था। गुजरात चुनाव में पीएम मोदी ने मणिशकर अय्यर के बयान का कई चुनावी सभाओं में भी ज़िक्र किया।
मणिशकर अय्यर के बयान के कारण कांग्रेस को चुनाव में नुक्सान भी हुआ था। इतना ही नहीं कांग्रेस हाईकमान ने मणिशकर अय्यर को पार्टी से कुछ दिनों के लिए निलंबित भी कर दिया था। हालाँकि कुछ महीनो बाद ही मणिशकर अय्यर की कांग्रेस में वापसी हो गई।
अल्पसंख्यक आयोग ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र:
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों पर पुलिस बर्बरता के खिलाफ अल्पसंख्यक आयोग ने सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा है। पत्र में आयोग ने पुलिस पर बेवजह बर्बरता करने का आरोप भी लगाया है।
आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि पुलिस बर्बरता के मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। बर्बरता की कार्रवाहियों के लिए जो भी दोषी है उसके खिलाफ कड़ी के कड़ी कार्रवाई भी होनी चाहिए।
आयोग ने अपने पत्र में कहा कि किसी भी कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोगों का अधिकार है। आयोग ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को यह चिट्ठी 10 जनवरी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में पुलिस बर्बरता के 87 मामलों की जानकारी दी गई है। इन मामलों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और असम समेत कई राज्यों के मामले शामिल हैं।
आयोग ने सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध किया है कि वह पुलिस बर्बरता के खिलाफ suo-moto लें, साथ ही मांग की गई है कि वह यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी कार्यवाई ना हो।