नागालैंड की घटना की जांच के लिए कांग्रेस ने बनाई 4 सदस्यीय कमेटी
नई दिल्ली। नागालैंड की घटना को लेकर कांग्रेस ने 4 सदस्यीय टीम का गठन किया है। ये टीम नागालैंड का दौरा करेगी और राज्य के मोन ज़िले में नागरिकों व हिंसा से जुड़ी घटनाओं से संबंधित मामलों पर रिपोर्ट तैयार करेगी।
इस कमेटी में कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह, नागालैंड के कांग्रेस प्रभारी अजॉय कुमार, सांसद गौरव गोगोई और एंटो एंटनी को सदस्य बनाया गया है। 4 सदस्यीय टीम एक हफ्ते के भीतर पार्टी प्रमुख को रिपोर्ट सौंपेगी।
नागालैंड की घटना पर सोमवार को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अभी स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। पुलिस महानिदेशक नागालैंड और आयुक्त नागालैंड ने 5 दिसंबर को घटनास्थल का दौरा किया। घटना की प्राथमिकी दर्ज़ की गई है।
उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इस मामले को राज्य अपराध पुलिस स्टेशन को जांच के लिए सौंप दिया गया है। इस संदर्भ में एक विशेष जांच टीम(SIT) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
शाह ने कहा कि ये निर्णय लिया गया है कि सभी एजेंसियों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। सरकार स्थिति पर सूक्ष्मता से नज़र रख रही है।
वहीँ नागालैंड की घटना पर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कांगेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक मुआवज़े का ऐलान हो। 2015 में PM ने नागालैंड के साथ शांति समझौते पर करार किया था, तब PM ने कहा था कि नागालैंड में अब शांति बहाल होगी। लेकिन इसका नतीजा क्या निकला।
विपक्षी सांसदों ने कहा- निरस्त हो अफ्सपा:
लोकसभा सदस्यों ने सोमवार को नगालैंड में सुरक्षा बलों द्वारा उग्रवाद विरोधी अभियान के दौरान नागरिकों की हत्या की निंदा की और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।
सदस्यों ने नगालैंड में लागू सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्सपा) को निरस्त करने का भी आह्वान किया। यह कानून सुरक्षा कर्मियों को कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के मामले में उचित चेतावनी के बाद बल का उपयोग करने और यहां तक कि गोलियां चलाने की अनुमति देता है।
बता दें कि रविवार को सेना ने नागालैंड के मोन जिले में हुई घटना पर गहरा खेद जताया और कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए। नागालैंड की राजधानी कोहिमा में पुलिस ने कहा था कि वह इस बात की जांच कर रही है कि क्या यह घटना गलत पहचान का मामला है।