नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में तीखी बहस, पढ़िए-किसने क्या कहा
नई दिल्ली। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया। लोकसभा में ज़बरदस्त हंगामे और तीखी बहस के बाद इस बिल पर मतदान हुआ और बिल बिल पेश करने के पक्ष में 293 और विरोध में 82 वोट पड़े।
लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम सहित कई दलों ने नागरिकता संशोधन बिल पर विरोध जताया। नागरिकता संशोधन विधेयक बिल पर विपक्ष द्वारा उठाये गए सवालो का जबाव देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘इस बिल की जरूरत कांग्रेस की वजह से पड़ी. धर्म के आधार पर कांग्रेस ने देश का विभाजन किया। इस बिल की जरूरत नहीं पड़ती अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती, कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश को बांटा।’
उन्होंने कहा कि हमारे देश की 106 किमी. सीमा अफगानिस्तान से सटी है, ऐसे में उसे शामिल करना जरूरी था। मैं इसी देश का हूं और भूगोल जानत हूं। शायद ये लोग पाक अधिकृत कश्मीर (POK) को भारत का हिस्सा नहीं मानते हैं।’
एआईएएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सेक्युलिरिज्म इस मुल्क का हिस्सा है, ये एक्ट फंडामेंटल राइट का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि ये बिल लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है। इस मुल्क को इस कानून से बचा ले लीजिए, गृह मंत्री को बचा लीजिए।
ओवैसी यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि यदि यह बिल पास होता है तो हिटलर और डेविड बेन गुरियन के साथ गृहमंत्री अमित शाह का नाम भी लिया जाएगा। वहीँ टीएमसी सांसद सुगता रॉय ने कहा कि यह बिल संविधान के खिलाफ और विभाजित करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान निर्माता डा भीवराव अंबडेकर की विचारधारा के खिलाफ है।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ‘इस बिल के पेश होने से संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन किया गया है और यह बिल देश के अल्पसंख्यको के खिलाफ इरादतन साजिश है। लेकिन अमित शाह ने कहा कि इस बिल के आने से अल्पसंख्यकों पर कोई असर नहीं होगा। ये बिल अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है।’
इससे पहले आज समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करेगी। वहीँ एआईएडीएमके ने बिल के समर्थन का एलान किया है।