किसानो को बातचीत के लिए एक और तारीख दिए जाने पर पी चिदंबरम ने उठाये सवाल

किसानो को बातचीत के लिए एक और तारीख दिए जाने पर पी चिदंबरम ने उठाये सवाल

नई दिल्ली। किसानो और सरकार के बीच शुक्रवार को 8वे दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद सरकार द्वारा एक और दौर की बातचीत के लिए तारीख दिए जाने को लेकर पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सवाल उठाये हैं।

चिदंबरम ने कहा कि “यदि सरकार के पास देने के लिए कुछ नहीं है, तो उसने किसान संगठनों के साथ एक और बैठक करने के लिए क्यों कहा है? क्या यह प्रदर्शनकारियों को एक और सप्ताह के लिए कड़वी ठंड में रहने के लिए कहकर थकाने की रणनीति है?”

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह दुखद है कि सरकार हमेशा की तरह अड़ियल रही और उसने मना कर दिया। बुद्धिमत्ता इसी में है कि काले कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और सभी हितधारकों से साफ मन से बात शुरू करें। पूर्व वित्त मंत्री ने किसानो से सहानुभूति जताते हुए कहा कि हमारे विचार और प्रार्थनाएं दिल्ली की सीमा पर सिंघु में विरोध कर रहे किसानों के साथ हैं।

गौरतलब है कि कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर शुरू हुये किसान आंदोलन को 45 दिन बीत चुके हैं। अब तक किसानो और सरकार के बीच 8 बार बातचीत हो चुकी है लेकिन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के लिए कानून लाने की किसानो की मांग पर 8वे दौर की बातचीत में भी सहमति नहीं बन पाई है।

किसानो का कहना है कि उनकी प्रमुख मांग कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाये जाने की हैं। जब तक ये दोनों मांगे पूरी नहीं हो जातीं तब तक कोई भी किसान वापस नहीं जाएगा और आंदोलन जारी रहेगा। किसानो के साथ 9वीं बार बातचीत के लिए सरकार ने 15 जनवरी की तारीख तय की है।

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TeamDigital