छत्तीसगढ़ में शुरू हुई न्याय योजना, किसानो को होगा लाभ
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर गुरुवार को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ की शुरुआत करने का एलान किया है।
इस योजना के तहत 2019 से खरीफ की धान और मक्का जैसी फसलों पर किसानों को बोनस राशि की जगह सहायता राशि दी जाएगी। अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी। राज्य की कांग्रेस सरकार 5,700 करोड़ रुपये की राशि चार किस्तों में सीधे किसानों के खातों में भेजेगी।
छत्तीसगढ़ में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ का आगाज किया जाएगा। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के करीब 19 लाख किसानों को फायदा होगा। राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की देश में अपने तरह की एक बड़ी योजना मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने एक वीडियो जारी कर कहा कि राज्य सरकार इस योजना के तहत 2019 से खरीफ की फसलों- धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि देगी।
इस योजना में धान की फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानों को प्रथम किस्त के रूप में 1500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी, ऐसे ही गन्ना फसल के लिए पेराई साल 2019-20 में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय किए गए गन्ने की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि 261 रुपये प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन व सहायता राशि 93.75 रुपये प्रति क्विंटल अर्थात अधिकतम 355 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा।
इस तरह से छत्तीसगढ़ सरकार देश में किसानों को गन्ना की सबसे ज्यादा कीमत देगी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी ‘न्याय’ योजना के द्वितीय चरण में शामिल करने का फैसला किया है। कृषि मंत्री रवींद्र चौबे इस योजना को मील का पत्थर बताया है।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सत्ता में आने पर न्याय योजना लाने का एलान किया था। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानो, गरीबो और मजदूरों को सीधा फायदा पहुंचाने की कवायद के तहत न्याय योजना के लागू करने पर बल दिया था।