सरकार नहीं बताना चाहती ‘पीएम केयर्स में कितना आया पैसा’, याचिका ख़ारिज करने की मांग
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के चलते बनाये गए पीएम केयर्स के नाम से नए राहत कोष को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच पीएम केयर्स में आये पैसे की जानकारी मांगने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील अरविंद वाघमारे द्वारा दायर की गई याचिका को केंद्र सरकार ने ख़ारिज करने की अपील की है।
वकील अरविंद वाघमारे ने अपनी याचिका में मांग की है कि सरकार आधिकारिक वेबसाइट पर इस बात की जानकारी दे कि उसे इस फंड में अबतक कितनी राशि मिली है और उसने कितना खर्च किया है।
याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर ट्रस्ट के चेयरपर्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जबकि रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं। नियमों के मुताबिक इस ट्रस्ट के चेयरपर्सन को तीन और ट्रस्टियों की नियुक्ति करनी होती है अथवा उन्हें मनोनीत करना पड़ता है।
याचिका में अन्य सदस्यों की अभी तक न होने को लेकर सवाल उठाते हुए कहा गया कि 28 मार्च को इस ट्रस्ट के गठन के बाद अबतक किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई है। याचिका में मांग की गई है कि पीएम केयर्स ट्रस्ट में विपक्षी दलों के कम से कम दो सदस्यों को भी शामिल किया जाए।
बॉम्बे हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से इस याचिका का विरोध करते हुए अदालत से इस याचिका को रद्द करने की मांग की गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बुधवार को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच को कहा कि वकील अरविंद वाघमारे द्वारा दाखिल की गई याचिका को खारिज किया जाए।
अनिल सिंह ने जस्टिस एस बी शुकरे और जस्टिस ए एस किलोर की खंडपीठ को बताया कि पीएम केयर एक पब्लिक ट्रस्ट है और केंद्र ने लोगों से मदद पाने की गरज से इस फंड का गठन किया गया है। उन्होंने पहले ख़ारिज की गई एक याचिका का हवाला देते हुए कहा कि अप्रैल में पीएम केयर ट्रस्ट के गठन को चुनौती देने वाली ऐसी ही एक याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह के एतराज जताने के बावजूद याचिका को ख़ारिज नहीं किया बल्कि कहा कि इस याचिका की मांग कुछ अलग तरह की है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को दो सप्ताह का समय देते हुए एक हलफनामा के माध्यम से यह बताने को कहा कि इस मुद्दे पर उसका क्या रुख है।