‘CBI और NIA को मिलाकर (MBI) मोदी ब्यूरो ऑफ इंडिया कर दीजिए’
देहरादून। सीबीआइ और एनआइए पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके लोगों के दवाब में काम करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि इन दोनों एजेंसियों को मिलाकर एक कर दिया जाना चाहिये और उसका नाम एमबीआइ (मोदी ब्यूरो आफ इंडिया) रख दिया जाना चाहिए।
यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले दो वर्ष के कार्यकाल में गुजरात पुलिस अधिकारी डी जी वंजारा से लेकर साध्वी प्रज्ञा तक सब आरोपों से बरी हो रहे हैं, वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को कथित स्टिंग सीडी वाले मामले में आरोपी बनाया जा रहा है।
इससे साफ है कि दोनों एजेंसियां केंद्र सरकार के दवाब में काम कर रही हैं। सीबीआइ पर उन्हें या उनकी पार्टी को कोई भरोसा नहीं होने के बात कहते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ चल रही जांच वैसे भी ठीक नहीं है क्योंकि न तो इसकी संस्तुति प्रदेश सरकार ने की थी और न ही न्यायालय ने।
उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा और न्यायालय में सरकार गिराने में विफल रहने के बाद केंद्र सरकार अब सीबीआइ का सहारा लेकर उत्तराखंड से बदला निकाल रही है।
कांग्रेस को सीबीआइ पर विश्वास नहीं होने और केंद्र सरकार को राज्य सरकार द्वारा कथित स्टिंग सीडी की जांच के लिये गठित विशेष जांच दल पर SIT पर भरोसा न होने की बात कहते हुए उपाध्याय ने इसकी जांच के लिये उच्च न्यायालय से एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित करने का आग्रह करने का भी सुझाव दिया।