अपनी कमियों से ध्यान हटाने के लिए योगी सरकार ने लागू किया धर्मांतरण कानून: मायावती

अपनी कमियों से ध्यान हटाने के लिए योगी सरकार ने लागू किया धर्मांतरण कानून: मायावती

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कानून लागू किये जाने को लेकर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

नव वर्ष के अवसर पर जारी एक बयान में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सरकार की नीयत व नीति द्वेष, भेदभाव व विभाजन को बढ़ावा देकर समाज को बांटने की ज्‍यादा है, जो अब दूसरे प्रदेशों में भी फैल कर अति घातक होती जा रही है।

शुक्रवार को जारी किये गए बयान में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि छलावा नहीं होना चाहिये, जैसाकि वर्तमान में इसका राजनीतिक हथियार के तौर पर ज्यादा इस्तेमाल होता हुआ दिख रहा है।

केन्द्र सरकार अपना निरंकुश व द्वेषपूर्ण कार्यशैली का परित्याग कर आगे काम करे

मायावती ने कहा कि देश में बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व घोर स्वार्थ की राजनीति के कारण उपजी अस्थिरता व अव्यवस्था आदि से जो हर तरफ अफरातफरी मची हुई है उससे करोड़ों आमजनता का जीवन अति-त्रस्त है व अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर भी जो चुनौतियाँ काफी बढ़ी हैं उसका मुकाबला केवल सरकारी स्तर पर नहीं बल्कि पूरे देश को साथ में मिलकर व मिलाकर ही किया जा सकता है। इसलिए समय की माँग है कि बीजेपी व इनकी केन्द्र सरकार अपना निरंकुश व द्वेषपूर्ण कार्यशैली का परित्याग कर आगे काम करे।

उन्होंने कहा कि देश की आत्मनिर्भता के लिए अति-आवश्यक जो आत्म-विश्वास व उम्मीद देश की जनता में जागृत होनी चाहिए वह केन्द्र व यूपी सहित राज्य सरकारें अपनी संकीर्ण जातिवादी व साम्प्रदायिक सोच व कार्यकलापों के कारण सही तौर पर पैदा नहीं कर पा रही हैं तो इसमें अन्य किसी का क्‍या दोष?इनकी इसी प्रकार की सोच व कार्यशैली का परिणाम है कि बीता वर्ष सन्‌ 2020 के प्रारम्भ में जो जन आक्रोश व चुनौतियाँ देश व सरकार के सामने थी उससे भी काफी बड़ी व कठिन चुनौतियों का सामना नए वर्ष में देश को करना पड़ रहा है, जिससे अब निश्चय ही सचेत होने की जरूरत है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बीते वर्ष ‌2020 में नया नागरिकता संशोधन कानून अर्थात सी.ए.ए. के आविष्कार व उसकी एन.आर.सी. आदि से सम्बद्धता से देश आन्दोलित था तो आज सन्‌ 202 में उससे कहीं बड़ी कोरोना की महामारी की जानलेवा समस्या के साथ-साथ खेती-किसानी से सम्बन्धित तीन नये “कृषि कानून” के विरुद्ध आक्रोश व आन्दोलन से संक्रमित व पीड़ित है।

केन्द्र सरकार का रवैया अभी तक देशहित में सही समाधान नहीं दे पा रहा

उन्होंने कहा कि ऐसे में देश की समस्त एकता व ऊर्जा को संकलित करके देश में पूँजी व संसाधन के विकास को एकत्र करके आत्मनिर्भर भारत को नई दिशा व आयाम देने की जरुरत है, लेकिन वर्तमान में केन्द्र सरकार का रवैया अभी तक देशहित में सही समाधान नहीं दे पा रहा है और ऐसे में कृषि मामलों में आत्मनिर्भर भारत को जो क्षति हो रही है, वह दुःखद व अति-चिन्ताजनक है।

अपनी कमियों पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिये यूपी सरकार ने लागू किया धर्मांतरण कानून 

बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अपनी कमियों पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिये यूपी की सरकार द्वारा “लव जिहाद” व धर्मान्तरण-विरोध के सम्बन्ध में निरंकुशता के अनोखे प्रावधानों के साथ आपाधापी में अध्यादेश लाकर ही पुलिस राज का जो अनुचित इस्तेमाल हो रहा है वह रजनीतिक एजेण्डे का ही काम ज्यादा लगता है। ऐसे में सरकार की नीयत व नीति द्वेष, भेदभाव व विभाजन को बढ़ावा देकर समाज को बांटने की ज्यादा है, जो अब यह दूसरे प्रदेशों में भी फैलकर अति-घातक होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में खासकर यूपी सरकार द्वारा जो निरंकुश व अहंकारी प्रयास चल रहा है उस पर देश भर में तीव्र व तीखी प्रतिक्रियायें स्वाभाविक ही हैं। यहाँ कानूनों के घोर अनुचित व द्वेषपूर्ण प्रयोगों के साथ-साथ बात-बात पर राष्ट्रीय सुरक्षा व देशद्रोह आदि कानून का विद्वेषपूर्ण मुकदमा धड़ल्ले के थोपा जा रहा है उससे न्यायपालिका भी काफी चिन्तित दिखती है।

कॉलेज में भी भ्रष्टाचार की जांच की मांग पर दर्ज हो जाते हैं देशद्रोह के मुकदमे

यूपी सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि कालेज में भ्रष्टाचार से आजादी की माँग करने पर भी अयोध्या के छात्रों पर जब यहाँ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो जाए तो लोग उसे जंगलराज का उदाहरण नही तो और क्‍या कहेंगे? ऐसी यहाँ सैंकडों मिसालें हैं। वास्तव में कुल मिलाकर देखा जाए तो बीजेपी व इनकी केन्द्र व यूपी सहित अन्य राज्य सरकारें ज्यादातर उसी प्रकार की विश्वसनीयता के अभाव से गुजरनी शुरू हो गयीं हैं जिस प्रकार की बदहाली से यूपीए-2 अपने अन्तिम वर्षों में गुजर रही थी। इसलिए सरकार देश व आमजन के हित में अपना रवैया बदले तो यह उचित होगा ताकि नए वर्ष सन्‌ 2021 में देश का सही में कुछ भला हो सके।

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