ये रिश्ता क्या कहलाता है: सरकार पर नहीं, कांग्रेस पर सवाल उठा रहीं मायावती

ये रिश्ता क्या कहलाता है: सरकार पर नहीं, कांग्रेस पर सवाल उठा रहीं मायावती

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती पिछले एक अरसे से कांग्रेस पर हमलावर दिखाई दे रही हैं। जो सवाल उन्हें सरकार से करने चाहिए उन सवालो पर भी वे सरकार पर हमले न करके कांग्रेस को निशाना बना रही हैं।

देश में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉकडाउन में गरीब और कमज़ोर वर्ग के लिए मदद की मांग कांग्रेस ने उठाई तो इस पर मायावती ने उल्टा कांग्रेस को दोषी ठहरा दिया।

इतना ही नहीं प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस द्वारा ट्रेन का खर्चा उठाने और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के लिए एक हज़ार बसें भेजे जाने का एलान भी बसपा सुप्रीमो मायावती को नहीं भाया। उन्होंने प्रवासी मजदूरों को उनके घरो पर वापस भेजने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के समक्ष कोई मांग रखने की जगह उल्टा कांग्रेस को कुसूरवार ठहरा दिया।

कांग्रेस पर बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा किये जा रहे रुक रुक कर हमलो का सिलसिला यहीं नहीं थमा है। उन्होंने आज एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला है। प्रवासी मजदूरो की दुर्दशा के लिए मायावती ने सीधे तौर पर कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि “आज पूरे देश में कोरोना लॉकडाउन के कारण करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की जो दुर्दशा दिख रही है, उसकी असली कसूरवार कांग्रेस है, क्योंकि आजादी के बाद इनके लंबे शासनकाल के दौरान अगर रोजी-रोटी की सही व्यवस्था गांव/शहरों में की होती तो इन्हें दूसरे राज्यों में क्यों पलायन करना पड़ता?’

उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस द्वारा जारी वीडियो पर निशाना साधते हुए कहा कि “वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह हमदर्दी वाला कम व नाटक ज्यादा लगता है। कांग्रेस अगर यह बताती कि उसने उनसे मिलते समय कितने लोगों की वास्तविक मदद की है तो यह बेहतर होता।”

मायावती द्वारा कांग्रेस पर किये जा रहे हमलो को बीजेपी से उनकी बढ़ती नजदीकियों से जोड़कर देखा जा रहा है। उधर बसपा सुप्रीमो मायावती के हमलो को लेकर कांग्रेस ने बेहद सधा हुआ जबाव दिया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की तरफ से मायावती को दिए गए जबाव में कहा गया कि “बताओ भला, आपके समय तो आपकी चप्पलें भी मुंबई से लखनऊ प्राइवेट जहाज से पलायन करती थीं।”

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TeamDigital