नागरिकता कानून के विरोध में बॉम्बे हाईकोर्ट के वकीलों ने पढ़ी संविधान की प्रस्तावना

नागरिकता कानून के विरोध में बॉम्बे हाईकोर्ट के वकीलों ने पढ़ी संविधान की प्रस्तावना

मुंबई। नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच अब मुंबई से खबर है कि यहाँ बॉम्बे हाईकोर्ट के वकीलों ने भी नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हाईकोर्ट के समक्ष संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।

सोमवार को नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा। इसमें सीनियर अधिवक्ता नवरोज़ सीरवाईं, गायत्री सिंह और मिहिर देसाई सहित करीब 50 अधिवक्ता मौजूद थे।

हाईकोर्ट अधिवक्ताओं ने कहा कि कोई भी इस देश और इसके नागरिकों को धर्म के आधार पर बाँट नहीं सकता। वकीलों ने कहा कि सीएए में इस्लाम को छोड़कर छह धार्मिक समुदायों के शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है, जो संवैधानिक रूप से गलत है।

गौरतलब है कि देशभर में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। दिल्ली के शाहीन बाग़ और जामिया यूनिवर्सिटी से लेकर लखनऊ, पटना, इलाहाबाद, मुंबई आदि जगह नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं।

दिल्ली के शाहीन बाग़ में प्रदर्शन जारी:

नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले माह दिसंबर की 15 तारीख से विरोध प्रदर्शन जारी है। इस प्रदर्शन में लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इसमें भाग लेने के लिए दूर दराज से भी लोग आ रहे हैं। अब तक कई राजनैतिक दलों के नेता भी इस प्रदर्शन के मंच से सम्बोधित कर चुके हैं।

वहीँ रविवार को करीब एक दर्जन कश्मीरी पंडितो ने भी शाहीन बाग़ आंदोलन के मंच से कश्मीरी पंडितो को कश्मीर में पुनः स्थांपित किए जाने की मांग उठाई थी जिसका वहां मौजूद सभी धर्मो के लोगों ने समर्थन किया।

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख को भेजा गया नोटिस:

शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को अवमानना का नोटिस भेजा है। अमित मालवीय को भेजे गए कानूनी नोटिस में तत्काल माफी मांगने और एक करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई है।

मालवीय को ये नोटिस प्रदर्शनकारियों के कानूनी सलाहकार वकील महमूद पारचा के दफ्तर से भेजा गया है। यह नोटिस दो महिलाओं की ओर से भेजा गया है। इन महिलाओं के नाम हैं- नफीसा बानो (जाक़िर नगर) और शहज़ाद फातमा (शाहीन बाग) हैं।

दोनों महिलाओं का आरोप है कि अमित मालवीय केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी से जुड़ा हैं। इसलिए प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने की कोशिश के तहत एक फ़र्ज़ी वीडियो शेयर पर महिलाओं को बदनाम किया गया है।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital