पीएम मोदी ने फ़िरोज़पुर रैली की रद्द, बीजेपी ने चला सिम्पैथी कार्ड
नई दिल्ली। आज पंजाब के फ़िरोज़पुर में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली रद्द होने के बाद बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर सहानुभूति बटोलने में जुट गई है। बीजेपी द्वारा चले गए सिम्पैथी कार्ड को भुनाने के लिए कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता जुट गए हैं।
हालांकि पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर गृहमंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है। इस पूरे प्रकरण पर गृह मंत्रालय ने सुरक्षा उल्लंघन पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इतना ही नहीं गृहमंत्रालय ने प्रधानमंत्री के दौरे में सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जवाबदेही तय की जाएगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने आरोपों को किया ख़ारिज:
इस पूरे मामले पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि मुझे खेद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज फिरोजपुर ज़िले के दौरे के दौरान वापस लौटना पड़ा। हम अपने पीएम का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने उनसे (पीएमओ) खराब मौसम की स्थिति और विरोध के कारण यात्रा बंद करने के लिए कहा था। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की अचानक मार्ग परिवर्तन करने की कोई सूचना नहीं थी। पीएम के दौरे के दौरान सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री पर कोई हमला नहीं हुआ, ऐसी कोई सोच भी नहीं थी। पहले भी दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ उनकी कुछ मांग थी जो 1 साल बाद पूरी हुई। आज भी अगर कोई शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने रास्ते पर आ गया तो इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ नहीं जोड़ना चाहिए राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री चन्नी ने यह भी बताया कि मुझे आज बठिंडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी करने जाना था, लेकिन जिन लोगों को मेरे साथ जाना था, वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए, इसलिए मैं आज प्रधानमंत्री को रिसीव करने नहीं गया क्योंकि मैं कोरोना पॉजिटिव पाए गए कुछ लोगों के संपर्क में था।
बीजेपी ने खेला सिम्पैथी कार्ड, कई मंत्री मैदान में उतरे:
इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तो पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से इस्तीफा देने की मांग तक कर दी। उन्होंने कहा कि आज पंजाब में शर्मनाक घटना हुई। सुरक्षा का आश्वासन मिलने के बाद भी प्रधानमंत्री को रैली में जाने से रोका गया। प्रधानमंत्री के साथ अगर किसी राज्य की एक इकाई ऐसी घिनौनी हरकत करती है तो ये निंदनीय है। पंजाब CM को अपना पद त्याग देना चाहिए।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में जो चूक हुई है उसकी ज़िम्मेदारी पंजाब सरकार को लेनी चाहिए। इस चूक से यह प्रतीत होता है कि पंजाब में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण समाचार नहीं सुना, वो भी अगर पंजाब की धरती से आए जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ा प्रांत है वहां अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगती है तो नैतिक और संवैधानिक रूप से पंजाब सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि इसके दो ही रास्ते हैं कि या तो पंजाब के मुख्यमंत्री जिम्मेदारी स्वीकार करके इस्तीफा दें या फिर ऐसी सरकार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल, विशेष रूप से पंजाब के CM और HM। जब आप देश के PM को सुगम मार्ग प्रदान नहीं कर सकते हैं और वह भी पाकिस्तान बॉर्डर से केवल 10 किमी दूर,आपको पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है और आपको पद छोड़ देना चाहिए।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री की सुरक्षा में जिस प्रकार से लापरवाही बरती गई है और वहां(पंजाब) के मुख्यमंत्री ने किसी का फोन उठाना भी ज़रूरी नहीं समझा। उत्तराखंड के लोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं। ये लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में लिखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार से कोई भी सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कर सकती है, इतना बड़ा खिलवाड़ कर सकती है, ये लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है। कांग्रेस पार्टी का इतिहास रहा है, इन्होंने हमेशा देश के लोकतंत्र को समाप्त करने का काम किया है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि PM की सुरक्षा का प्रबंध और रास्ते में किसी भी तरह का गतिरोध नहीं है ऐसा आश्वासन पंजाब पुलिस ने PM के सुरक्षा दस्ते को दिया। क्या जानबूझकर झूठ बोला गया? जिन लोगों ने PM की सुरक्षा को भंग किया, उन लोगों को PM की गाड़ी तक किसने और कैसे पहुंचाया।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब में कांग्रेस के खूनी इरादे नाकाम रहे। जो लोग कांग्रेस पार्टी में मोदी से घृणा करते हैं वो आज प्रधानमंत्री को, उनकी सुरक्षा को कैसे भंग किया जाए, इसके लिए प्रयासरत थे।
क्या है मामला:
गौरतलब है कि बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी को पंजाब के फ़िरोज़पुर में एक रैली को संबोधित करना था। ख़राब मौसम के चलते बठिंडा एयरपोर्ट से पीएम मोदी के सड़क मार्ग से जाने का फैसला हुआ। बठिंडा एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से फिरोजपुर जाते समय रास्ते में किसानों का प्रदर्शन चल रहा था। इस वजह से पीएम मोदी का काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाइओवर पर फंसा रहा।
रास्ता जाम देख पीएम मोदी ने रैली कैंसिल कर वापस लौटने का फैसला लिया। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, मोदी ने वापस बठिंडा एयरपोर्ट आकर वहां के अधिकारियों से कहा, ‘अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना कि मैं भटिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट पाया।’