किसान आंदोलन को विपक्ष के समर्थन पर बिफरी बीजेपी

किसान आंदोलन को विपक्ष के समर्थन पर बिफरी बीजेपी

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को विपक्षी दलों के समर्थन पर भारतीय जनता पार्टी ने आज विपक्ष पर कड़ा हमला बोला। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज जब इनका राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है तो अपना वजूद बचाने के लिए ये किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं।

एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, “आज हम विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस, NCP और उनके सहयोगी दलों के शर्मनाक दोहरे चरित्र को देश के सामने बताने आए हैं। आज जब इनका राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है तो अपना वजूद बचाने के लिए ये किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएं। हम उनकी इन भावनाओं का सम्मान करते हैं। लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है।

प्रसाद ने आम आदमी पार्टी का नाम लेकर कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 23 नवंबर 2020 को नए कानून(कृषि कानून) को नोटिफाई करके दिल्ली में लागू कर दिया है। इधर आप विरोध कर रहे हैं और उधर आप गजट निकाल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज जो हमने काम किया है,8-9 साल पहले मनमोहन सिंह जी की सरकार ये कर रही थी, 2005 में शरद पवार ये बोल रहे थे। जिस समय शरद पवार ये बोल रहे थे कि अगर आप सुधार नहीं करोगे तो हम वित्तीय समर्थन देना बंद कर देंगे। उस समय मनमोहन सिंह जी की सरकार का समर्थन सपा, RJD, CPI और अन्य दल कर रहे थे।

रविशंकर प्रसाद ने पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार का नाम लेकर कहा कि शरद पवार जब देश के कृषि और उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे तो उन्होंने देश के सारे मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी। जिसमे उन्होंने लिखा था कि मंडी एक्ट में बदलाव जरूरी है, प्राइवेट सेक्टर का आना जरूरी है, किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने का अवसर मिलना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के चुनाव में अपने चुनाव घोषणा पत्र में साफ-साफ कहा है कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त करेगी और किसानों को अपनी फसलों के निर्यात और व्यापार पर सभी बंधनों से मुक्त करेगी।

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