कमलनाथ के दांव से चित हुई बीजेपी अब कर रही अपने विधायकों की पहरेदारी

कमलनाथ के दांव से चित हुई बीजेपी अब कर रही अपने विधायकों की पहरेदारी

भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में ऑपरेशन कमल फेल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी को अपने ही विधायकों की पहरेदारी करनी पड़ रही है। इसकी वजह बीजेपी के वे दस विधायक हैं जो कहीं न कहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के सम्पर्क में आ चुके हैं और कभी भी कांग्रेस खेमे में खड़े हो सकते हैं।

इससे पहले कांग्रेस विधायकों पर डोरे डालने की बीजेपी की कोशिशें फेल हो चुकी हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक हरदीप डंग से मुख्यमंत्री कमलनाथ का संपर्क हो चूका है। बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस के चार विधायकों से भी बातचीत हो चुकी है और सभी चारो विधायक भोपाल वापस आ रहे हैं। वहीँ एक निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा से भी सम्पर्क हो चूका है।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि बीजेपी के ऑपरेशन कमल को धराशाही करने में पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का योगदान है। हरियाणा में आठ विधायकों की मौजूदगी की खबर मिलते ही दिग्विजय सिंह तुरंत एक्टिव हो गए थे और वे ऑपरेशन कमल को बेअसर करने में जुट गए थे।

वहीँ सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने पहुंचे बीजेपी के दो विधायकों के बाद अब कई अन्य बीजेपी विधायक भी कांग्रेस के सम्पर्क में आ चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि कम से कम दस विधायकों के मुख्यमंत्री कमलनाथ से संपर्क की खबरों के बाद बीजेपी को अब अपने विधायकों की निगरानी करनी पड़ रही है।

बीजेपी विधायकों के कांग्रेस के सम्पर्क में आने की खबरों के बाद शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर पर बीजेपी नेताओं की बैठक हुई। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, प्रहलाद पटेल और नरोत्तम मिश्रा शामिल हुए।

वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस ने विधायकों के असंतोष को दूर करने के लिए प्रयास और तेज कर दिए हैं। सूत्रों की माने तो कुछ विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता आपस में सलाह करके सभी असंतुष्ट विधायकों को एकजुट करने में जुट गए हैं।

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TeamDigital