लॉकडाउन में कोटा से अपनी बेटी को पटना ले आये बीजेपी विधायक, पीके ने नीतीश कुमार को घेरा
पटना ब्यूरो। क्या लॉकडाउन के नियम सिर्फ प्रवासी मजदूरों पर ही लागू होते हैं ? यह सवाल अब इस लिए उठ रहा है क्यों कि प्रवासी मजदूरों की तरह राजस्थान के कोटा में प्रीमियम इंस्टीट्यूट में इंजीनियरिंग और एमबीबीएस की कोचिंग कर रहे छात्र भी लॉकडाउन के दौरान फंस गए थे लेकिन उत्तर प्रदेश के छात्रों को निकालने के लिया राज्य सरकार ने करीब 200 से अधिक यूपी रोडवेज की बसें भेज दीं जबकि यूपी से सटे दिल्ली में फंसे यूपी के मजदूरों की राज्य सरकार ने सुध नहीं ली है।
वहीँ बिहार के हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक अनिल सिंह की बेटी में भी कोटा में फंसी हुई थी और वे अपनी बेटी को पटना ले आये। जब इस बारे में बीजेपी विधायक अनिल सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि ‘मैं जिला प्रशासन की अनुमति और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही अपनी बेटी को वहां से लाया हूं।’
हालांकि बीजेपी विधायक की सफाई के बाद प्रवासी मजदूरों को वापस लाये जाने का सवाल जस का तस खड़ा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए, इसलिए प्रवासी मजदूर अभी जहाँ हैं वहीँ रहें। हालाँकि नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे छात्रों के लिए यूपी सरकार द्वारा बसें भेजे जाने पर भी सवाल उठाये।
वहीँ गृह मंत्रालय ने आज अपनी गाइडलाइन में साफ़ किया है कि जो प्रवासी मजदूर जिस राज्य में है वह अभी उसी राज्य में रहेगा। गाइडलाइन में कहा गया है कि ‘राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के भीतर फंसे हुए मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया है। इसमें मजदूरों को वर्तमान में जहां रह रहे हैं वहीं रहने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही कहा गया है कि केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के बाहर उनकी किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी।’
बिहार में लॉकडाउन के दौरान बीजेपी विधायक द्वारा कोटा से अपनी बेटी को पटना लाने के मामले में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सवाल उठाये हैं। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि ‘ कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा। अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?’