मध्य प्रदेश: फ्लोर टेस्ट की मांग लेकर राज्यपाल से मिले बीजेपी नेता
भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा है।
इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह शामिल थे। राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में बीजेपी ने मांग की है कि बजट सत्र से पहले सरकार विश्वास मत हासिल करे।
राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाक़ात के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान से मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘ हम राज्यपाल महोदय से मुलाकात करके उनको ज्ञापन सौंपकर आए हैं, 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। कमलनाथ जी की सरकार अब अल्पमत में है, ऐसी स्थिति में सरकार चलाने का कोई भी संवैधानिक अधिकार वर्तमान सरकार को नहीं है।’
उन्होंने कहा कि, ‘ऐसी स्थिति में जहां अल्पमत की सरकार है, ऐसे में बजट सत्र का कोई अर्थ नहीं है, पहले सरकार को विश्वास मत प्राप्त करना चाहिए। इसलिए बजट सत्र से पहले फ्लोर टेस्ट होना चाहिए।’
राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में बीजेपी ने दावा किया है कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ चुकी है। राज्यपाल से मांग की गई है कि वे अल्पमत में आ चुकी कमलनाथ सरकार से सदन में विश्वास मत हासिल करने के लिए कहें।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से शुरू होना है। फ्लोर टेस्ट को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही साफ़ तौर पर कह चुके हैं कि विधायकों के इस्तीफ़ो पर फैसला होने से पहले फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता।
वहीँ इससे पहले आज मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक आपात बैठक बुलाकर कांग्रेस नेताओं से बागी विधायकों के इस्तीफ़ो और बजट सत्र को लेकर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में फ्लोर टेस्ट को लेकर भी रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।
सूत्रों की माने तो बैठक में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए बजट सत्र की तारीख आगे बढ़ाने को लेकर भी विचार किया गया। सूत्रों ने कहा कि बजट सत्र की तारीख आगे बढ़ाये जाने से कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए अतरिक्त समय मिल सकता है। जिससे वह विधानसभा में अपने नंबरों को लेकर होमवर्क पूरा कर सके।
सूत्रों ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार की एडवायजरी को आधार बनाकर कमलनाथ सरकार बजट सत्र की तारीख आगे बढ़ा सकती है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई एडवायजरी में कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए अनावश्यक लोगों के जमावड़े से बचा जाए।