पहले चरण में जाट लैंड में फंसी है बीजेपी, तमाम कोशिशें हो रहीं बेकार
नई दिल्ली। पिछले विधानसभा चुनाव में यूपी के जाटलैंड कहे जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बंपर सीटें हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए इस बार राह आसान नहीं है। पार्टी की तमाम कोशिशों के बाद भी अभी जाट समुदाय की नाराज़गी बरकरार है और कई विधानसभा क्षेत्रो में इसकी झलक देखने को मिल रही है।
इस बार समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन ने भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया है। किसान आंदोलन के बाद इस बार जाट समुदाय के मतदाताओं एकजुटता दिखाई दे रही है और वे खुलकर राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं।
सूत्रों की माने तो जाट लैंड में एक बार फिर पैर जमाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने तमाम नेताओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उतार दिया है लेकिन कई गांवो में बीजेपी विधायकों को ही एंट्री नहीं मिल रही और उन्हें ग्रामीणों की नाराज़गी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले चुनाव में हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण कर भरपूर लाभ लेने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए इस बार चुनावी डगर आसान नहीं है।
वहीँ दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने आज मुज़फ्फरनगर में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करके यह संदेश दे दिया है कि इस गठबंधन में किसी तरह की कोई रार नहीं है।
राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवारों वाली सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की मौजूदगी के सवाल पर अखिलेश यादव ने साफ़ किया कि जिन सीटों पर ऐसी स्थिति है उसे 24 घंटे में सुधार लिया जाएगा।
इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानो के लिए बड़ा एलान करते हुए कहा कि प्रदेश में सपा-रालोद गठबंधन की सरकार बनने के बाद गन्ने का भुगतान 15 दिनों में होगा और सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जाएगी। अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में सपा सरकार बनने पर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाएगी।
अखिलेश यादव ने प्रयागराज में छात्रों को पीटे जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की वजह से बिहार और प्रयागराज में छात्रों को प्रताड़ित होना पड़ रहा है, लेकिन बीजेपी इस पर कोई बात ही नहीं करना चाहती है।
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार यूपी से बीजेपी का पलायन होगा। अखिलेश यादव ने कहा कि सभी ने देखा है कि किस तरह से बाबा का पलायन हुआ, अयोध्या से उन्हें घर पहुंचा दिया गया। उन्होंने बीजेपी नेताओं पर कोरोना महामारी फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बात पर चुनाव आयोग को तुरंत नोटिस जारी करना चाहिए।