क्या पायलट के लिए बंद हो गए बीजेपी के दरवाज़े ?

क्या पायलट के लिए बंद हो गए बीजेपी के दरवाज़े ?

नई दिल्ली। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खड़ी हुई दीवार के बाद विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर शंका के घेरे में आई भारतीय जनता पार्टी ने सचिन पायलट के लिए बीजेपी के दरवाजे बंद कर दिए हैं।

हालांकि खुद सचिन पायलट इस बात को दोहरा चुके हैं कि वे बीजेपी में नहीं जाएंगे लेकिन कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है कि अगर उन्हें बीजेपी में नहीं जाना तो वे वापस क्यों नहीं आ रहे ?

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने संकेत दिए हैं कि फ़िलहाल सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के लिए बीजेपी के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई अपनी मर्जी से आना चाहे तो उसका स्वागत है।

पायलट को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कही ये बात:

राजस्थान प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि ये कांग्रेस का अंदरुनी झगड़ा है और इसमें बीजेपी कहीं नहीं है। सचिन पायलट को बीजेपी में शामिल करने के सवाल पर पूनिया ने कहा कि हम किसी को न्योता देने नहीं जा रहे हैं अगर कोई आता है तो उसका स्वागत है।

पूनिया ने गहलोत पायलट विवाद में बीजेपी की कोई भूमिका होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे इस पूरे मामले में क्यों खामोश हैं यह वही बता सकती हैं।

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वहीँ सूत्रों की माने तो विधायकों की खरीद फरोख्त के ऑडियो सामने आने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास पुख्ता सबूत होने की जानकारी मिलने के बाद बीजेपी ने अपने पैर वापस खींच लिए हैं। सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को प्रलोभन देने के पुख्ता सबूत हासिल किये हैं, ये सबूत सार्वजनिक होने के बाद बीजेपी अपना दामन दागदार होने से नहीं बचा सकेगी। सम्भवतः इसलिए बीजेपी अब इस मामले में डेमेज कंट्रोल का काम करेगी।

ऑडियो पर केंद्रीय मंत्री की सफाई:

इस बीच कथित ऑडियो को लेकर एफआईआर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम आने पर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि “गजेंद्र सिंह जी ने कहा है कि ये ऑडियो टेप उनका नहीं है। गजेंद्र जी का इस ऑडियो से कोई लेना देना नहीं है, मैं स्वयं गजेंद्र जी की आवाज़ को अच्छे से जानता हूं ये गजेंद्र जी की आवाज़ नहीं है।”

कैलाश चौधरी ने कहा कि “अशोक गहलोत अपने विधायकों को होटल में लेकर बैठे हैं। राजस्थान की समस्याओं और विकास पर मुख्यमंत्री का कोई ध्यान नहीं है, उनका ध्यान अपनी सरकार बचाने पर है, इनकी सरकार तो निश्चित रूप से जानी है आज नहीं तो कल जाएगी।”

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बुधवार से शुरू हो सकता है विधानसभा का सत्र:

वहीँ दूसरी तरफ कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें 109 विधायकों की लिस्ट सौंपी है। इसलिए यदि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक इस्तीफा भी देते हैं तो भी गहलोत सरकार पर कोई खतरा नहीं है।

माना जा रहा है कि 22 जुलाई से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन में एक बार फिर विश्वास मत हासिल कर सकते हैं।

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TeamDigital