दिल्ली छोड़ने की डेडलाइन पूरी होने से पहले जामा मस्जिद पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद, फिर पढ़ी संविधान की प्रस्तावना
नई दिल्ली। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को फिर जामा मस्जिद पहुंचे। उन्हें जमानत पर रिहा करते हुए कोर्ट ने दिल्ली छोड़ने के लिए कहा था। उन्हें शुक्रवार रात 9 बजे से पहले दिल्ली छोड़नी है।
चंद्रशेखर को जामा मस्जिद पर ऐसा ही प्रदर्शन करने पर 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें गुरुवार की रात तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। दिल्ली छोड़ने की डेडलाइन पूरी होने से पहले उन्होंने जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर प्रदर्शनकारियों के साथ बैठकर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।
चंद्रशेखर को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। आजाद के संगठन ने पुलिस की अनुमति के बगैर 20 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था। भीम आर्मी प्रमुख को 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ राहत दी थी।
आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा था कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे। अदालत ने यह भी कहा था कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद जामा मस्जिद समेत दिल्ली में कही भी जाना चाहते हैं, तो पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करेगी। न्यायाधीश ने कहा था कि विशेष परिस्थितियों में विशेष शर्तों की जरूरत होती है।