भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की अखिलेश से मुलाकात, बदल सकते हैं प्रदेश के चुनावी समीकरण

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की अखिलेश से मुलाकात, बदल सकते हैं प्रदेश के चुनावी समीकरण

लखनऊ। रविवार को जब उत्तर प्रदेश में टीईटी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के कारण हड़कंप मचा था, तब उत्तर प्रदेश में नए चुनावी समीकरण तैयार करने की कवायद चल रही थी। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने लखनऊ पहुंचे थे।

दोनों नेताओं के बीच हुई इस बैठक के बाद प्रदेश में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण ने मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि अखिलेश यादव के साथ उनकी बैठक पूरी तरह चुनावी थो। ज़ाहिर है दोनों नेताओं के बीच गठबंधन की संभावनाओं को लेकर भी बात हुई होगी।

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने छोटे दलों के साथ गठबंधन की अपनी नीति के तहत चंद्रशेखर रावण को बैठक के लिए आमंत्रित किया था। जानकारों की माने तो यदि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और चंद्रशेखर रावण की आज़ाद समाज पार्टी के बीच किसी तरह का गठबंधन बनता है तो समाजवादी पार्टी के इरादों को और मजबूती मिलेगी।

चंद्रशेखर रावण का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवा दलित मतदाताओं पर ख़ासा प्रभाव है। पंचायत चुनाव में वह इस बात को साबित कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ, मुज़फ्फरगर, अलीगढ, आगरा, गाज़ियाबाद, एटा, हाथरस सहित कई जिलों में दलित मतदाताओं के बीच चंद्रशेखर रावण का ख़ासा दबदबा है।

जानकारों की माने तो समाजवादी पार्टी और चंद्रशेखर रावण की आज़ाद समाज पार्टी के बीच यदि गठबंधन होता है तो इससे बड़ा नुक्सान बीजेपी के अलावा बहुजन समाज पार्टी को भी होना तय है। प्रदेश के जातिगत समीकरणों को देखें तो समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन के बाद मुस्लिम, यादव और जाट मतदाताओं की बड़ी तादाद इस गठबंधन को मिलने की संभावना है। वहीँ यदि इस गठबंधन में चंद्रशेखर रावण भी शामिल होते हैं तो वे इस गठबंधन से दलित मतदाताओ को जोड़कर बीजेपी के लिए चुनावी राह और कड़ी कर सकते हैं।

हालांकि आधिकारिक तौर पर गठबंधन को लेकर अभी तक समाजवादी पार्टी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है लेकिन सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और चंद्रशेखर की बैठक के चुनावी मायने निकाले जा रहे हैं।

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TeamDigital