बाबरी मस्जिद के पक्षकार ने अयोध्या में नई मस्जिद के डिजायन पर जताया एतराज
नई दिल्ली। अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली नई मस्जिद के डिजायन को लेकर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी ने एतराज जताया है। गौरतलब है कि नई मस्जिद के निर्माण के लिए इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ने अभी हाल ही में डिजायन जारी किया गया है।
इक़बाल अंसारी ने कहा कि बाबरी मस्जिद के पक्षकारो ने मस्जिद के लिए 70 वर्षो तक लड़ाई लड़ी लेकिन नई मस्जिद के निर्माण को लेकर किसी भी पक्षकार से कोई सलाह नहीं ली गई।
उन्होंने मस्जिद के डिजायन पर एतराज जताते हुए कहा कि विदेशों की तर्ज पर मस्जिद की डिजाइन तैयारी की गई है। हम भारत के लोग हैं और हम हिंदुस्तानी शैली पर ही मस्जिद को मंजूर करेंगे। इक़बाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या का ही नहीं, बल्कि देश का कोई भी मुस्लिम ऐसी मस्जिद को स्वीकार नहीं करेगा, जिसकी डिजाइन विदेशी शैली पर हो।
गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट के फैसले के मुताबिक सरकार ने मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ ज़मींन उपलब्ध कराई है। उत्तर प्रदेश राज्य सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने उक्त भूखंड पर मस्जिद और अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिये इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) का गठन किया है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी जता चूका है एतराज:
बाबरी मस्जिद के पक्षकार इक़बाल अंसारी से पहले आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी सरकार द्वारा दी गई ज़मींन पर मस्जिद निर्माण पर एतराज जताते हुए इसे शरीयत के खिलाफ बताया है।
अभी हाल ही में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि अयोध्या में सरकार द्वारा दी गई 5 एकड़ ज़मीन पर प्रस्तावित मस्जिद वक्फ अधिनियम के खिलाफ और शरीयत कानूनों के तहत अवैध है।
उन्होंने कहा कि ‘वक्फ अधिनियम के तहत मस्जिद या मस्जिद की जमीन किसी दूसरी चीज के बदले में नहीं ली जा सकती। अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद इस कानून का उल्लंघन करती है। यह शरीयत कानून का उल्लंघन करती है क्योंकि वक्फ अधिनियम शरीयत पर आधारित है।’