विधानसभा चुनाव: यूपी-उत्तराखंड में सत्ता की माथा-पच्ची शुरू, अखिलेश बोले, ‘हम सरकार बना रहे हैं’

विधानसभा चुनाव: यूपी-उत्तराखंड में सत्ता की माथा-पच्ची शुरू, अखिलेश बोले, ‘हम सरकार बना रहे हैं’

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को घोषित किये जायेंगे लेकिन चुनाव वाले सभी पांचो राज्यों में प्रमुख राजनीतिक दल अभी से सत्ता का गणित बिठाने में जुट गए हैं।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 7 मार्च को समीक्षा बैठक का आयोजन किया था। हालांकि अब तक समीक्षा बैठकें चुनाव परिणाम आने के बाद आयोजित की जाती थीं लेकिन इस बार बीजेपी ने चुनाव समीक्षा के नाम पर आयोजित बैठक में जीत हार की संभावनाओं को लेकर मंथन किया।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर मीडिया में आये एग्जिट पोल में अपनी बढ़त देखकर जहां बीजेपी नेता एग्जिट पोल को सही बताकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं वहीँ अंतिम चरण के मतदान के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया कि प्रदेश में उनकी सरकार बनने जा रही है।

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “सातवें और निर्णायक चरण में सपा-गठबंधन की जीत को बहुमत से बहुत आगे ले जाने के लिए सभी मतदाताओं और विशेषकर युवाओं का बहुत-बहुत आभार! हम सरकार बना रहे हैं!”

वहीँ उत्तराखंड में भी चुनाव परिणाम आने से पहले कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता को लेकर माथापच्ची शुरू कर दी है। भाजपा रणनीतिकार कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को उत्तराखंड पहुंचने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से उनके आवास पर भेंट की तथा 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणामों को लेकर विचार विमर्श किया।

उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ भी चर्चा की। इसके अलावा, उत्तराखंड मामलों के पार्टी प्रभारी प्रह्लाद जोशी तथा अन्य नेताओं के साथ भी विजयवर्गीय की एक महत्वपूर्ण बैठक होनी है।

चुनाव परिणाम आने से पहले ही विजयवर्गीय के प्रदेश में आगमन के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं और नेताओं के बीच बैठकों और विचार विमर्श के बढ़ते दौर को भाजपा के 36 सीटों के जादुई आंकड़े से दूर रहने की स्थिति में बहुमत जुटाने का फार्मूला निकालने का प्रयास माना जा रहा है।

माना जाता है कि वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ कांग्रेस विधायकों की बगावत में विजयवर्गीय ने अहम भूमिका निभाई थी और अब उनके आने को इसी नजरिये से देखा जा रहा है ।

ऐसे में अगर चुनावी नतीजों में खंडित जनादेश सामने आया और कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों में से किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो निर्दलीय तथा बसपा, सपा और उत्तराखंड क्रांति दल के ‘विधायकों’ की सरकार बनाने में भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी ।

कांग्रेस भी चुनाव नतीजों के बाद उभरने वाली संभावनाओं पर विचार कर रही है। पार्टी महासचिव और प्रदेश में पार्टी के चुनाव संचालन के प्रभारी हरीश रावत भी केंद्रीय नेताओं से चुनाव बाद के परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में हैं।

चुनावों के दौरान सक्रिय रहे कई केंद्रीय नेताओं के एक—दो दिन में यहां पहुंचने की संभावना है, जिससे वे अंतिम क्षणों में पार्टी में होने वाली संभावित टूट—फूट पर नजर रख सकें और दल—बदल न हो सके।

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TeamDigital