अशोक गहलोत का पीएम को पत्र: सरकार गिराने की हो रही कोशिश, इतिहास माफ़ नहीं करेगा

अशोक गहलोत का पीएम को पत्र: सरकार गिराने की हो रही कोशिश, इतिहास माफ़ नहीं करेगा

नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि राजस्थान में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है।

गहलोत ने लिखा कि मुझे नहीं पता कि आपको (पीएम मोदी को) इसकी कितनी जानकारी है या आपको गुमराह किया जा रहा है, लेकिन इस कृत्य में शामिल लोगों को इतिहास माफ़ नहीं करेगा।

पत्र में कहा गया है कि “मैं आपका ध्यान राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए किये जा रहे कृत्सित प्रयासों की ओरआकृष्ट करना चाहूंगा। हमारे संविधान में बहुदलीय व्यवस्था के कारण राज्यों एवं केंद्र में अलग-अलग दलों की सरकारें चुनी जाती रही हैं। यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती ही है कि इन सरकारों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोकहित को सर्वोपरि रखते हुए कार्य किया।”

सीएम गहलोत ने लिखा कि “पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की सरकार द्वारा 985 में बनाए गए दल-बदल निरोधक कानून एवं श्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा किये गये संशोधन की भावनाओं तथा जनहित को दरकिनार कर पिछले कुछ समय से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई राज्य सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। यह जनमत का घोर अपमान और संवैधानिक मूल्यों की खुली अवहेलना है। कर्नाटक एवं मध्यप्रदेश में हुए घटनाकम इसके उदाहरण हैं।”

सीएम गहलोत ने लिखा कि “कोविड-19 महामारी के इस दौर में जीवन रक्षा ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में राजस्थान में भी चुनी हुई सरकार को गिराने का कुप्रयास किया जा रहा है। इस कृत्य में केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता एवं हमारे दल के कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता भी शामिल हैं। इनमें से एक श्री भंवर जाल शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता ने स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत सरकार को भी (भाजपा नेता होने के बावजूद) विधायकों की खरीद-फरोख्त कर गिराने का प्रयास किया था।”

राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयासों का ज़िक्र करते हुए सीएम गहलोत ने अपने पत्र में कहा कि “धनराशि तक कई विधायकों तक पहुंच चुकी थी। तब मैंने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के नाते तत्कालीन राज्यपाल श्री बलिराम भगत एवं प्रधानमंत्री श्री पी.वी. नरसिम्हा राव से व्यक्तिगत रूप से मिलकर विरोध किया कि इस प्रकार खरीद-फरोख्त कर चुनी हुई सरकार को गिराना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है। ऐसे षड़यंत्र आम जनता के साथ घोखा है।”

सीएम गहलोत ने पत्र में आगे लिखा कि “मुझे इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि आज जहां आम जनता के जीवन एवं बचाने की जिम्मेदारी केन्द्र एवं राज्य सरकारों की निरंतर बनी हुई है। उसके बीच में केन्द्र में सत्ता पक्ष कैसे कोरोना प्रबन्धन की प्राथमिकता छोड़कर कांग्रेस की राज्य सरकार को गिराने के षड्यंत्र में मुख्य भागीदारी निभा सकता है।”

गहलोत ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिराए जाने का ज़िक्र करते हुए पत्र में लिखा कि “ऐसे ही आरोप पूर्व में कोरोना के चलते मध्यप्रदेश सरकार गिराने के वक्‍त लगे थे एवं आपकी पार्टी की देशभर में बदनामी हुई थी। मुझे ज्ञात नहीं है कि आपको किस हद तक इसकी जानकारी है या आपको गुमराह किया जा रहा है लेकिन ऐसे कृत्यों में शामिल लोगों को इतिहास माफ़ नहीं करेगा।”

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