लेखिका अरुंधति राय ने कहा ‘एनपीआर में पूछे जाने पर अपना पता 7 रेसकोर्स लिखवा दें’
नई दिल्ली। देश में नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर छिड़ी बहस के बीच जहाँ देश के विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं वहीँ इस बीच लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने विवादित बयान दिया है। अरुंधति आय ने कहा कि एनपीआर में पता पूछे जाने पर 7 रेसकोर्स का पता लिखवा दें।
बुधवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए अरुंधति राय ने देश में डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
अरुंधति रॉय सीएए के विरोध में दिल्ली यूनिवर्सिटी में जमा हुए कई यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने पहुंची थीं। उनके साथ फिल्म अभिनेता जीशान अय्यूब भी पहुंचे।
उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि जब अधिकारी एनपीआर के लिए आपका डेटा लेने के लिए आपके घर आएं तो आप अपना नाम और पता गलत बता दीजिए। आप पता 7 रेस कोर्स बता दें।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित बीजेपी की रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने एनआरसी को लेकर विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया था। पीएम मोदी का आरोप था कि एनआरसी के नाम पर विपक्ष गुमराह कर रहा है। देश में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया गया है।
वहीँ पीएम मोदी के बयान से गृहमंत्री अमित शाह द्वारा पार्टी के सार्वजनिक कार्यक्रमों और संसद में दिए गए बयान मेल नहीं खाते। गृह मंत्री अमित शाह संसद में एनआरसी लागू करने की बात कह चुके हैं, जो संसद की कार्रवाही का हिस्सा होने के कारण रिकॉर्ड में दर्ज है और इसे नकारा नहीं जा सकता।
अरुंधति राय ने आज अपने संबोधन में यही मामला उठाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बयान अलग अलग हैं। जबकि गृहमंत्री संसद में दिए अपने बयान से भी मुकर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आखिर ये झूठ किस लिए बोला जा रहा है।
उन्होंने एनपीआर को एनआरसी का हिस्सा बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के जरिए देश के मुसलमानों को लक्ष्य बनाया जा रहा है। जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि एनपीआर और एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं है और उनके डाटाबेस का इस्तेमाल एक-दूसरे के लिए नहीं किया जाएगा।