चीनी सैनिको के साथ हिंसक झड़प के बाद अब सेना ने बदला ये नियम
नई दिल्ली। 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिको के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद अब सेना ने नियम में बड़ा बदलाव किया है। अब फील्ड कमांडर ही ‘असाधारण’ परिस्थितियों में आग्नेयास्त्रों के उपयोग को मंजूरी दे सकेंगे।
चीन के सैनिको के साथ हिंसक झड़पों में भारत के 20 सैनिक शहीद होने के बाद रविवार को हालात की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों की बैठक के बाद इस संबंध में कई अहम फैसले लिए गए।
इसमें सबसे अहम फैसला यह है कि फील्ड कमांडरों को अप्रत्याशित स्थिति में हथियार के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है। निश्चित तौर पर भारत ने दोनों सेनाओं के बीच दशकों से बंदूक इस्तेमाल नहीं करने की नीति से जरूरत पड़ने पर हटने का संकेत दे दिया है।
अब नियमो में बदलाव के बाद एलएसी पर तैनात कमांडर सैनिकों को सामरिक स्तर पर स्थितियों को संभालने और दुश्मनों के दुस्साहस का ‘मुंहतोड़’ जवाब देने की पूरी छूट होगी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने रविवार को कहा कि सरकार ने चीन से निपटने के लिए सेना को पूरी आजादी दी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय हालात को देखते हुए सरकार ने भारतीय सेना को इसकी पूरी छूट दे दी है कि वह भारत की सीमाओं और अपने जवानों की रक्षा करते हुए जैसे चाहे चीनी सेना से निपटे।