इस फैसले की हो रही सराहना: राजस्थान के पुलिस थानों में नहीं बन सकेंगे मंदिर-मस्जिद
जयपुर। राजस्थान में अब किसी भी पुलिस थाने में किसी धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं हो सकेगा। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने जिला पुलिस अधीक्षकों को पुलिस कार्यालय परिसरों/ पुलिस थानों में पूजा स्थल का निर्माण नहीं कराने संबंधी कानून का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।
राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (पुलिस आवासन) ए पौन्नूचामी ने बताया कि राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल अधिनियम 1954 के तहत सार्वजनिक भवन में कोई धार्मिक स्थल नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को इस पुराने अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
सोमवार को इस संबंध में जारी किये गए आदेश में पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों एवं अन्य इकाई प्रभारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ‘राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल अधिनियम 1954’ का अक्षरश: पालन हो।
आदेश में कहा गया है कि पिछले कुछ सालों में पुलिस विभाग के विभिन्न प्रकार के कार्यालय परिसरों/ पुलिस थानों में आस्था के नाम पर जनसहभागिता से पूजा स्थल के निर्माण की प्रवृत्ति में वृद्धि हुई है, जो विधि-सम्मत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल अधिनियम 1954’ सार्वजनिक स्थानों का धार्मिक उपयोग निषिद्ध करता है। इसके अतिरिक्त पुलिस थानों के प्रशासनिक भवनों के निर्माण के लिए निर्मित एवं अनुमोदित नक्शे में भी पूजा स्थल के निर्माण का कोई प्रावधान नहीं है।’’ हालांकि, जिन पुलिस थानों में पहले से ही पूजा स्थल स्थापित है उनके बारे में किसी भी तरह के कोई आदेश नहीं दिए गए हैं।
अशोक गहलोत ने केंद्र पर बोला हमला:
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेरोज़गारी और मंहगाई के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। गहलोत ने उदयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, हम तो यहां 1 लाख लोगों को नौकरी दे चुके हैं, ये क्या कर रहे हैं? इनके पास कहने को कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान देख रहा है कि पेट्रोल-डीजल और गैंस के दाम कैसे बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार नहीं समझती है क्या कि लोग क्या सोच रहे होंगे। नई स्कीमें ला रहे हैं पता नहीं वो कब लागू होंगी, तो पूरा पैसा इकट्ठा करो जनता से बस। सब लोग दुखी हैं महंगाई से।