इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी पर जज़ान यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर को किया बाहर

नई दिल्ली। इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी को लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद सऊदी अरब की एक यूनिवर्सिटी ने भी सख्ती दिखाई है। सऊदी अरब की प्रीमियम यूनिवर्सिटी कही जाने वाली जज़ान यूनिवर्सिटी ने भारतीय मूल के एक प्रोफेसर को इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी किये जाने पर नौकरी से निकालकर दिया है।
इतना ही नहीं इस्लाम के खिलाफ दुर्भावना से टिप्पणी करने के लिए प्रोफेसर नीरज बेदी के खिलाफ सऊदी अरब के कानूनों के हिसाब से प्रक्रिया भी शुरू करने के लिए कहा गया है।
सऊदी अरब के जज़ान यूनिवर्सिटी में कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफ़ेसर नीरज बेदी पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर इस्लाम को लेकर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। नीरज बेदी को जज़ान यूनिवर्सिटी में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर के तौर पर 35000 रियाल यानी इंडियन सात लाख रुपए तनख्वाह मिल रही थी।

यह मामला जज़ान यूनिवर्सिटी के ही कुछ लोग यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के नोटिस में लेकर आये। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट को जानकारी मिलने के बाद प्रोफेसर नीरज बेदी के कमेंट की जांच की गई। इस जांच में उन्हें अनावश्यक रूप से इस्लाम के खिलाफ जानबूझकर अपमानजनक टिप्पणी करने का दोषी पाया गया।
जज़ान यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने नीरज बेदी के खिलाफ कार्रवाही की पुष्टि करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट और ट्वीट के लिए एक कॉन्ट्रेक्ट फकलटी के सदस्य के पब्लिकेशन के बारे में निगरानी रखी गई है, इसके आधार पर,उसका पंजीकरण पहले ही रद्द किया गया है।
जज़ान यूनिवर्सिटी ने ट्विटर पर कहा कि यह लोगों मैं फूट डालने और अतिवादी विचार रखते हैं जो हमारे पॉलिसी को प्रभावित करते हैं और अच्छे नेतृत्व के निर्देशों का उल्लंघन करते हैं।
بناء على ما تم رصده من قبل الجامعة حول نشر أحد أعضاء هيئة التدريس المتعاقدين لمنشورات وتغريدات مسيئة، فقد سبق طي قيده.
وتؤكد #جامعة_جازان تصديها بكل حزم لأي أفكار منحرفة، أو متطرفة تمس الثوابت أو تخالف توجهات القيادة الرشيدة. pic.twitter.com/SdSGDRl6H0— جامعة جازان (@JazanUniversity) May 18, 2020
गौरतलब है कि अभी हाल ही में यूएई में इस्लाम और मुसलमानो के खिलाफ कथित तौर पर सोशल मीडिया साइट्स पर पोस्ट शेयर करने के मामले में भारतीय मूल के कई कामगारों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। ऐसी घटनाएं सामने आने के बाद यूएई ने साफतौर पर कहा है कि यहाँ धर्मिक भेदभाव पैदा करने वाली या किसी धर्म के प्रति असम्मान व्यक्त करने वाली विचारधारा वाले लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।