यूएई: इस्लामोफोबिया से ग्रस्त एक और भारतीय की दुबई में नौकरी गई

यूएई: इस्लामोफोबिया से ग्रस्त एक और भारतीय की दुबई में नौकरी गई

नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में इस्लाम के खिलाफ कथित तौर पर फेसबुक पोस्ट करने के लिए एक और भारतीय बालकृष्ण नक्का को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है।

इससे पहले हाल ही में राकेश बी कित्तूरम नामक एक भारतीय को कथित तौर पर फेसबुक पर इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए यूएई की एमरिल सर्विसेज नामक कंपनी ने बाहर का रास्ता दिखाया था।

मूलतः भारत के हैदराबाद के रहने वाले बालकृष्ण नक़्क़ा यूएई की मोरो हब डाटा सोलुशन नामक कंपनी में चीफ एकाउंटेंट की पोस्ट पर कार्यरत था। उसने फेसबुक पर इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट किया था। पोस्ट के स्क्रीन शॉट फेसबुक और ट्विटर वायरल होने के बाद मामला कंपनी के प्रबंधको की जानकारी में आने के बाद कंपनी ने बालकृष्ण को बर्खास्त कर दिया।

गौरतलब है कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तथा खाड़ी के अन्य देशो में ईशनिंदा को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू है। यूएई ने 2015 में पारित एक कानून के तहत सभी धार्मिक या नस्लीय भेदभाव को रेखांकित किया है। इसके तहत धार्मिक मर्यादाओं का मज़ाक बनाने या धर्म के खिलाफ भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामलो में यहाँ की सरकार किसी तरह का समझौता नहीं करती।

यूएई के इस कानून के मुताबिक भेदभाव, घृणा, धार्मिक घृणा और या जो किसी भी प्रकार की अभिव्यक्ति के माध्यम से धर्म का अपमान करता है, इसमें भाषण या लिखित शब्द, किताबें, पर्चे या ऑनलाइन मीडिया के माध्यम से धर्म का अपमान करना शामिल है।

राकेश बी कित्तूरम और बालकृष्ण नक़्क़ा से पहले, अबू धाबी निवासी मितेश उदेशी को अपने फेसबुक पेज पर इस्लाम मज़ाक बनाने के उद्देश्य से कार्टून पोस्ट करने के लिए बर्खास्त कर दिया गया था, जबकि दुबई में फ्यूचर विजन इवेंट्स एंड वेडिंग्स में काम करने वाले भारतीय समीर भंडारी के खिलाफ भी पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी, जब उन्होंने भारत के एक मुस्लिम व्यक्ति को नौकरी करने के लिए पाकिस्तान वापस जाने के लिए कहा था।

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TeamDigital