किसानो के समर्थन में जनवरी के अंत में भूख हड़ताल की बात से मुकरे अन्ना हज़ारे
मुंबई ब्यूरो। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 57 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानो के समर्थन में हाल ही में प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने जनवरी अंत में दिल्ली में भूख हड़ताल करने का एलान किया था।
अन्ना हज़ारे ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर और बाद में पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा था कि यदि जल्द किसानो की मांगे नहीं मानी गईं तो वे (अन्ना हज़ारे) दिल्ली में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। अन्ना हज़ारे ने अपने पत्र में कहा था कि वे जनवरी के अंत में अपनी भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
वहीँ अब अन्ना हज़ारे ने अपने कहे से यूटर्न लेते हुए 30 मार्च से भूख हड़ताल की बात कही है। इतना ही नहीं अन्ना हज़ारे अब किसानो के समर्थन में भूख हड़ताल दिल्ली में नहीं बल्कि अपने गांव रालेगण सिद्धि में करेंगे।
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले दो महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डंटे हैं। वहीँ अब अन्ना हज़ारे ने एलान किया है कि वे 30 मार्च से किसानो की मांगो के समर्थन में भूख हड़ताल शुरू करेंगे। यहां सवाल उठता है कि अन्ना ने अपनी भूख हड़ताल शुरू करने की जो तारीख दी है वह अभी दो महीने से अधिक दूर है। ऐसे में क्या अन्ना हज़ारे मानते हैं कि किसानो का आंदोलन अभी दो महीने और चलेगा ?
बीजेपी नेताओं ने की थी अन्ना को मनाने की कोशिश:
प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे द्वारा किसानो की मांगी के समर्थन में पीएम मोदी को लिखे पत्र में जनवरी के अंत में दिल्ली में भूख हड़ताल शुरू किये जाने का खुलासा किये जाने के बाद महाराष्ट्र बीजेपी के कई नेताओं ने अन्ना हज़ारे को मनाने और केंद्र सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल न शुरू करने के लिए दबाव बनाया था।
सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अन्ना हज़ारे से फोन पर बात की थी। इसके बाद फडणवीस ने अपने एक करीबी बीजेपी नेता को अपना संदेश लेकर अन्ना हज़ारे से मिलने भी भेजा था। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेता अन्ना हज़ारे को इस बात के लिए मनाने में सफल रहे कि वे फ़िलहाल दिल्ली में कोई अनशन नहीं करेंगे।