अध्यादेश रद्द होने तक सरकार से कोई बातचीत नहीं: अकाली दल
नई दिल्ली। तीन कृषि अध्यादेशों का विरोध कर रहे बीजेपी के सहयोगी अकाली दल ने साफ़ कर दिया है कि वह अध्यादेशों के रद्द होने से पहले सरकार से किसी तरह की बातचीत के पक्ष में नहीं है।
शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि “जब तक ये(अध्यादेश) रद्द नहीं होते कोई बात नहीं हो सकती।” उन्होंने कहा कि हम पंजाब जाएंगे जहां पार्टी की लीडरशिप की बैठक होगी, हम सबके साथ बात करेंगे। पंजाब के किसान 3 अध्यादेशों के विरोध में सड़कों पर हैं, शिरोमणि अकाली दल क्योंकि किसानों की पार्टी है इसलिए हम सबसे आगे होकर संघर्ष करेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि अध्यादेशों कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) अध्यादेश, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश और आवश्यक वस्तु (संशोधन) के खिलाफ कई राज्यों के किसान विरोध कर रहे हैं।
मोदी सरकार के कृषि अध्यादेशों पर विरोध जताते हुए हाल ही में मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। एनडीए छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि जल्द ही पार्टी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
वहीँ अधिकांश विपक्षी दल मोदी सरकार के कृषि अध्यादेश के खिलाफ हैं और इसे किसान विरोधी बता रहे हैं। कृषि अध्यादेश को लेकर देश के कई राज्यों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों में कृषि अध्यादेश के खिलाफ कई बड़े प्रदर्शन हुए हैं।
इसी क्रम में किसान संगठन किसान मज़दूर संघर्ष समिति ने बताया कि 24 सितंबर से 26 सितंबर तक ‘रेल रोको’ आंदोलन करने का फैसला किया है। किसान मज़दूर संघर्ष समिति के सचिव सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि हमने तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ 24 सितंबर से 26 सितंबर तक ‘रेल रोको’ आंदोलन करने का फैसला किया है।