तमिलनाडु में भी विधानसभा चुनाव लड़ने पर गंभीरता से विचार कर रहे ओवैसी
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नई दिल्ली। बिहार और महाराष्ट्र में अपना दबदबा कायम करने के बाद अब आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की नज़र 2021 में तीन अहम राज्यों पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव पर लगी हैं।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान कर चुके एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी असम और तमिलनाडु में भी विधानसभा चुनाव में एंट्री करने के लिए अपनी पार्टी के नेताओं के साथ मंथन कर रहे हैं।
2016 में तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने सिर्फ दो सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन बदले वक़्त के साथ ओवैसी राज्य की कम से कम चौथाई सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने के लिए प्रयासरत हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव के बाद एआईएमआईएम ने अपनी चुनावी रणनीति में बड़ा परिवर्तन किया है। पार्टी अब क्षेत्रीय और छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने के पक्ष में है। बिहार में यह एक्सपेरिमेंट कामयाब होने के बाद पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु में भी पार्टी इसी रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरना चाहती है।
वहीँ सूत्रों की माने तो पश्चिम बंगाल में असदुद्दीन ओवैसी ने तृणमूल कांग्रेस को गठबंधन का न्यौता देकर फिलहाल बॉल ममता बनर्जी की तरफ डाल दी है ठीक इसी तरह तमिलनाडु में भी ओवैसी सबसे बड़े विपक्षी दल डीएमके के साथ गठबंधन करने के पक्ष में हैं।
हालांकि पश्चिम बंगाल में ओवैसी ने कांग्रेस और वामपंथी दलों से भी गठबंधन के दरवाजे बंद नहीं किया हैं और चुनाव आते आते बहुत कुछ बदल सकता है। लेकिन ओवैसी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के घोर विरोधी रहे धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी से मुलाकात कर ममता बनर्जी को एक संदेश अवश्य दे दिया है।