रद्द किये गए कृषि कानूनों पर बोले कृषि मंत्री ‘हम फिर आगे बढ़ेंगे’, कांग्रेस ने जताया संदेह
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ करीब एक वर्ष तक चले किसान आंदोलन के बाद भले ही तीनो कृषि कानून सरकार ने रद्द कर दिए हैं लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने रद्द हुए कृषि कानूनों को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने कहा, ‘हम कृषि संशोधन कानून लाए, लेकिन कुछ लोगों को ये कानून पसंद नहीं आए। ये आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा सुधार था, लेकिन सरकार निराश नहीं है। हम एक कदम पीछे हटे हैं, हम फिर आगे बढ़ेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ़ हैं।’
इतना ही नहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विवादास्पद कानूनों को रद्द किये जाने के लिए “कुछ लोगों” को दोषी ठहराया। रद्द हुए कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर के बयान पर कांग्रेस ने संदेह जताया है कि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद किसानो पर एक बार फिर कृषि कानून थोपे जा सकते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कृषि मंत्री के बयान पर संदेह जताते हुए ट्वीट कर कहा, ‘किसान विरोधी षड्यंत्र का पर्दाफाश! चुनाव के बाद किसानों पर फिर वार होगा। मोदी जी 3 काले कृषि क़ानूनों के लिए माफ़ी माँगते हैं, देश के कृषि मंत्री उन क़ानूनों को एक बार फिर सही बताते हैं।मोदी सरकार 3 काले क़ानून ख़त्म करती है, कृषि मंत्री कहते हैं क़ानून फिर लाएँगे।’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हज़ारो किसान दिल्ली की सीमाओं पर करीब एक वर्ष तक डेरा डाले रहे। किसान आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानो की मौत हो गई। अंततः सरकार को झुकना पड़ा और पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में तीनो कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का एलान किया था।