जीएनएनसीटीडी बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में आप
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के अधिकारों पर कैंची चलाने वाले (जीएनएनसीटीडी) बिल के राज्य सभा में पारित होने के बाद दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सुप्रीमकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। इस बिल को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सहित विपक्ष ने सरकार के इरादों पर सवाल उठाये हैं।
विपक्ष का कहना है कि जब राज्य सरकार को सभी फैसले उप राज्यपाल की सहमति लेकर ही उठाने हैं तो जनता द्वारा चुनी गई सरकार की क्या अहमियत रह जायेगी।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह गैर संवैधानिक बिल लोकतंत्र का गला घोटकर संसद में पास किया गया है। इस बिल से साबित हो गया है कि नरेंद्र मोदी को अगर किसी से डर है तो उस शख्स का नाम है अरविंद केजरीवाल। अन्य राज्यो में आम आदमी पार्टी का विस्तार हो रहा है, उससे घबराकर यह बिल लाया गया है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़के ने कहा कि वो(BJP) अपनी सरकार उपराज्यपाल के द्वारा चलाना चाहते हैं। हर चीज में जब उनसे सलाह लेनी है तो निर्वाचित प्रतिनिधि का क्या काम। संविधान में साफ कहा गया है कि अनुच्छेद 239AA के तहत 3 चीजों को छोड़कर बाकी सभी चीजों पर दिल्ली सरकार काम कर सकती है लेकिन वो नहीं माने।
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मालिक ने कहा कि दिल्ली को लेकर एक तरफ भाजपा पूर्ण राज्य के दर्जे की वकालत करती आई है और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के अधिकारों को कम कर एलजी के अधिकारों को बढ़ा रही है, ये लोकतंत्र के खिलाफ है। जब उनके खिलाफ किसी दल की सरकार बन जाती है तो उसके खिलाफ बीजेपी अलग भावना से काम करती है।
गौरतलब है कि सोमवार को संसद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया, जो उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देता है। इस बिल के राज्य सभा में पास होने के बाद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “राज्यसभा ने जीएनसीटीडी संशोधन विधेयक पारित किया। भारतीय लोकतंत्र के लिए यह दुखद दिन है। लोगों को शक्ति वापस दिलाने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। जो भी बाधाएं हैं, हम अच्छा काम करते रहेंगे। काम न तो रुकेगा और न ही धीमा होगा।”