7 फरवरी से मोदी सरकार के खिलाफ किसानो का हल्ला बोल, देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

7 फरवरी से मोदी सरकार के खिलाफ किसानो का हल्ला बोल, देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा पेश किये गए बजट में फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य संबंधी घोषणा से नाराज किसान संगठनों ने मोदी सरकार के खिलाफ सात फरवरी से देशव्यापी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

किसान संगठनों का आरोप है की केंद्र सरकार ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को सामने रख कर किसानों को लुभाने के लिए उनकी आमदनी बढ़ाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागत से डेढ़ गुना करने की बात तो की है, लेकिन ये सब कागजी है।

किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार का खेती की लागत तय करने का तरीका गलत है क्योंकि वह किसान यानी परिवार के मुखिया को छोड़ कर उसके परिवार को अकुशल मजदूर मानती है, जबकि किसान का पूरा परिवार खेती करता है। इसलिए पूरे परिवार को स्किल्ड यानी कुशल मजदूर माना जाए।

किसान संगठनों की मांग है कि खेती की लागत तय करते वक्त जमीन का किराया भी जोड़ा जाए क्योंकि किसानों का एक बड़ा वर्ग खेत किराए पर ले कर खेती करता है।

किसान संगठनों का तर्क है कि सरकार किसानों को सब्सिडी के नाम पर कुछ रियायतें तो देती है लेकिन खेती की लागत तय करते समय सब्सिडी घटा देती है। किसान संगठन चाहते हैं की सरकार एमएसपी तय करते समय सब्सिडी को लागत से ना घटाए।

किसान संगठनों की शिकायत है कि एमएसपी किसान की खेती की लागत का डेढ़ गुना तो दूर उसकी असली लागत भी नहीं दिला पाएगी इसलिए एमएसपी का निर्धारण सही हो और उसके लिए अलग से कोई फंड का प्रावधान हो।

किसान संगठनों का कहना है कि पिछले चार वर्षो में किसानो की हालत बद से बदत्तर हो गयी है और सरकार किसानो को हलके में ले रही है। किसान संगठनों ने अपनी मांगो के समर्थन में एकजुट होकर सात फरवरी से मोदी सरकार के खिलाफ देशभर में हल्लाबोल करने का एलान किया है।

किसान संगठनों का कहना है कि सरकार सिर्फ लोकलुभावन वादे करती हैं जो देखने और सुनने में अच्छे लगते हैं लेकिन उनका किसानो को फायदा होने की जगह नुकसान हो रहा है। किसान संगठनों का दावा है कि सात फरवरी दे देशभर में किसान विरोध प्रदर्शन करेंगे और यह प्रदर्शन एक सप्ताह तक जारी रहेगा।

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TeamDigital