नोट बंदी के 5 वर्ष, विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना, सरकार से पूछा- किसका हुआ फायदा?
नई दिल्ली। नोट बंदी की 5वीं वरसी के अवसर पर आज विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला और नोट बंदी को लेकर सरकार द्वारा गिनाये गए फायदों पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। इतना ही नहीं विपक्ष ने नोट बंदी के दौरान आम लोगों को हुई दिक्क्तों के लिए भी सरकार पर हमला बोला।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “गलती होती तो जनता माफ़ कर देती लेकिन जान बूझकर मित्र-हित में चली गयी इस चाल की कोई माफ़ी नहीं- कितने ही साल बीत जाएँ काफ़ी नहीं।”
वहीं कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडलर से नोट बंदी को लेकर सरकार पर सवाल दागे। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के अपने मूर्खतापूर्ण फैसले के बचाव के लिए तरह-तरह के दावे किए, मगर प्रधानमंत्री का प्रत्येक दावा छलावा साबित हुआ। नोटबंदी ने अपने एक भी लक्ष्य को पूरा करने की बजाय देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने का काम किया।
कांग्रेस ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये। एक ट्वीट में कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री का नोटबंदी करने का फैसला मास्टरस्ट्रोक की बजाय महातबाही साबित हुआ। नोटबंदी से आतंकवाद के खात्मे का दावा जुमला निकला। देशवासियों को नोटबंदी ने मंदी में धकेल दिया।
वहीँ कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, “अगर नोटबंदी सफल थी तो भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ? कालाधन वापस क्यों नहीं आया? अर्थव्यवस्था कैशलेस क्यों नहीं हुई? आतंकवाद पर चोट क्यों नहीं हुई? महंगाई पर अंकुश क्यों नहीं लगा?’
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी करने का बड़ा फैसला लिया था, जिसके बाद रातों रात 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे। पीएम मोदी के इस एलान के बाद देशभर के शहरो में एटीएम के आगे लोगों की लंबी लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। वहीँ अगले दही दिन पुराने नोट बदलवाने के लिए बैंको पर भारी भीड़ जुटी और यह मंजर कई दिनों तक चलता रहा।