निजीकरण के खिलाफ विधुत कर्मचारियों की हड़ताल से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 27 जिले प्रभावित
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के करीब 27 जिले प्रभावित हुए हैं और कई शहरो में बिजली की आपूर्ति ठप्प हो गई है।
सरकार से बातचीत फेल होने के बाद निजीकरण के खिलाफ आवाज़ उठा रहे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के करीब 15 लाख कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने से वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर, मऊ, देवरिया, बाराबंकी, आजमगढ़ सहित कई जिलों की बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।
विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल को करीब 30 घंटे होने के बाद भी सरकार की तरफ से अभी कोई सकारात्मक कदम न उठाये जाने से हड़ताल लंबी चलने के आसार बन रहे हैं।
वहीँ अब इस हड़ताल में विद्युत कर्मचारी संगठन संयुक्त संघर्ष समिति के बाद अब यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। कई इलाकों में हड़ताल पर जाने से पहले कर्माचारियों ने बिजली आपूर्ति ठप कर दी है और उपकेंद्र पर ताला जड़ दिया है। इतना ही नहीं उपकेंद्रों पर लिखे विद्युत अधिकारीयों और कर्मचारियों के फोन नंबर भी मिटा दिए गए हैं, जिससे उन्हें आम पब्लिक सम्पर्क न कर पाए।
हड़ताली कर्मचारियों का कहना था कि सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए बिजली विभाग को निजी हाथों में जो सौंपने का फैसला किया है, जो सही नहीं है। सरकार और समिति के बीच पिछले 5 अप्रैल 2018 को हुए समझौते का पालन किया जाए।
मौजूदा हालातो को देखकर लगता है जैसे निजीकरण के मुद्दे पर सरकार और विद्युत कर्मचारी सुलह के लिए तैयार नहीं है। सरकार की तरफ से अभी तक सुलह का मसौदा नहीं रखा गया ही वहीँ विद्युत कर्मचारी एक इंच भी पीछे न हटने की बात कह रहे हैं।
इस हड़ताल में शामिल विद्युत इंजीनियर संघ, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति तथा यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन का कहना कि निजीकरण का प्रस्ताव वापस होने तक हड़ताल जारी रहेगी।