2009 में भाजपा ने भी लगाए थे ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप
नई दिल्ली । आज जिस ईवीएम की बीजेपी पैरोकारी कर रही है उसी ईवीएम का बीजेपी ने 2009 में न सिर्फ विरोध किया था बल्कि बाकायदा इसके खिलाफ भाजपा (एनडीए) ने अभियान चलाया था। उस समय बीजेपी नेताओं के वही आरोप थे, जो आज मायावती और केजरीवाल लगा रहे हैं।
बात 2009 की जब चुनावो में बीजेपी का सफाया हो गया था तब बीजेपी को ईवीएम में बहुत से खामियां दिखती थीं । बीजेपी की तरफ से इन मशीनों के खिलाफ किरीट सौमैया ने बोलने की कमान संभाली थी। इतना ही नहीं सौमैया तो बाकायदा ईवीएम गड़बड़ी की कहानी अलग-अलग शहरों में जाकर सुनाया करते थे।
ईवीएम मशीनों के विरोध में जगह जगह घूमे किरीट सौमैया के साथ एक आईटी विशेषज्ञ भी हुआ करता था, जो कम्प्यूटर-लैपटॉप पर दिखाता था कैसे गड़बड़ी की जा सकती है। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने तो ईवीएम पर ‘डेमोके्रसी एट रिस्क, कैन वी ट्रस्ट अवर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन शीर्षक से एक किताब भी लिख डाली ।
इस किताब को पूरा करने में खुद भाजपा दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की महत्वपूर्ण भूमिका रही । इस किताब में ईवीएम में की जाने वाली गड़बड़ियों का जिक्र है।
आज जब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में हुए चुनावो के बाद जब बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने ईवीएम के खिलाफ आवाज उठायी तो बीजेपी नेता उनके लिए खिसियानी बिल्ली खंभा नौचे और अंगूर खट्टे हैं जैसे मुहावरो का इस्तेमाल कर रहे हैं ।