टूट के कगार पर बीजेपी, वसुंधरा समर्थक 20 विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को लिखा पत्र
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जयपुर ब्यूरो। राजस्थान भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी नेतृत्व और वसुंधरा के बीच चल रहा शीत युद्ध अब निर्णायक दौर में पहुंच गया है। वसुंधरा समर्थक 20 विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ और विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, पुष्पेंद्र सिंह, नरेंद्र नागर, रामप्रताप कासनियान और रामस्वरूप लांबा शामिल हैं। पत्र रविवार को भेजा गया था उसी दिन वसुंधरा राजे ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।
पत्र में पार्टी नेतृत्व पर पक्षपात के आरोप लगाते हुए कहा गया है कि विधानसभा में कुछ चुनिंदा विधायकों को ही बोलने और सवाल उठाने का मौका दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि वसुंधरा समर्थक बीजेपी नेताओं द्वारा बीजेपी के समानांतर मंच बनाये जाने के बाद बीजेपी में पैदा हुई रार को दूर करने के लिए बीजेपी नेतृत्व ने 16 सदस्यीय कोर ग्रुप बनाया गया था लेकिन इस कोर ग्रुप की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव शामिल नहीं हुए थे।
दूसरी तरफ वसुंधरा समर्थक विधायको का पार्टी नेतृत्व के खिलाफ लामबंद होना जारी रहा। सूत्रों की माने तो राजस्थान बीजेपी के 20 विधायकों द्वारा लिखे गए पत्र में वसुंधरा राजे सिंधिया को 2023 के चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने जैसी कई अहम मांगे रखी गई हैं।
राजस्थान बीजेपी में फिलहाल समुद्र में तूफ़ान आने से पहले जैसी ख़ामोशी है। कोई भी पार्टी नेता सार्वजनिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रहा है वहीँ अंदर ही अंदर वसुंधरा समर्थको के बागी तेवर जारी हैं।