उज़्बेकिस्तान में भारतीय कफ सीरप पीने से 18 बच्चो की मौत: कांग्रेस ने की जांच की मांग

उज़्बेकिस्तान में भारतीय कफ सीरप पीने से 18 बच्चो की मौत: कांग्रेस ने की जांच की मांग

नई दिल्ली। कांग्रेस ने उज़्बेकिस्तान सरकार के उस दावे की जांच की मांग की है जिसमे कहा गया है कि भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित कफ सीरप पीने से 18 बच्चो की मौत हो गई।

गुरुवार को कांग्रेस ने यह मामला उठाते हुए कहा कि यह एक गंभीर मामला है। इसकी जांच होनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “”भारत में निर्मित यह खांसी की दवा घातक प्रतीत होती है। उज़्बेकिस्तान से पहले, गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत और अब यह उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई है। मोदी सरकार को भारत को दुनिया के लिए एक फार्मेसी होने के बारे में शेखी बघारना बंद करना चाहिए और सबसे सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”

गौरतलब है कि उज़्बेकिस्तान में कफ सीरप पीने से 18 बच्चो की मौत को लेकर उज़्बेक स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में,कहा था कि “भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित डॉक्टर -1 मैक्स सिरप लेने के परिणामस्वरूप तीव्र श्वसन रोग वाले 21 बच्चों में से 18 की मृत्यु हो गई है।”

मंत्रालय ने आगे आरोप लगाया कि पीड़ित बच्चो ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले “इस दवा को 2 से 7 दिनों तक अपने घर पर दिन में 3-4 बार, 2.5 से 5 एमएल (मिलीलीटर) ही लिया था, जो बच्चों के लिए दवा की मानक खुराक से अधिक है”। हालांकि उज़्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आये बयान पर केंद्र सरकार ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

यहां यह बताना भी ज़रूरी है कि इसी वर्ष अक्टूबर में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मुख्य रूप से बाल चिकित्सा उपयोग के लिए चार “दूषित” भारत-निर्मित दवाओं के लिए एक अलर्ट जारी किया था।

पश्चिम अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद इन दवाओं की  पहचान की गई थी और इसमें ऐसे रसायन पाए गए थे जो बाद में जहरीले और संभावित रूप से घातक थे। खांसी और जुकाम की ये चार दवाएं हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाई गई थीं।

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TeamDigital