15 फरवरी को कीर्ति आज़ाद, शत्रुघ्न सिन्हा और वरुण गांधी कर सकते हैं बड़ा एलान

नई दिल्ली। बीजेपी से निष्कासित किये गए सांसद कीर्ति आज़ाद और बीजेपी के शत्रु कहे जाने वाले फिल्म अभिनेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और बीजेपी में अलग थलग पड़े वरुण गांधी को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। माना जा रहा है कि 15 फरवरी को ये तीनो बड़ा एलान कर सकते हैं।
संसद के बजद सत्र के समापन के बाद ही लोकसभा चुनावो की सरगर्मियां तेज हो जाएँगी। ऐसे में माना जा रहा है कि तीनो बीजेपी नेता चुनावो के एलान से पहले अपने पत्ते खोलकर बीजेपी को चुनाव में जाने से पहले बड़ा झटका दे सकते हैं।
कीर्ति आज़ाद को लेकर कहा जा रहा है कि वे 15 फरवरी को कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भगवत झा आज़ाद का बेटा होने के कारण यूँ तो कीर्ति आज़ाद के परिवार का कांग्रेस से पुराना रिश्ता रहा है। इसलिए बीजेपी छोड़ने की शर्त पर कांग्रेस उनके लिए उचित विकल्प माना जा रहा है।
वहीँ दूसरी तरफ बीजेपी के शत्रु कहे जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वे बीजेपी छोड़ देंगे। हालाँकि शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर यह कहना मुश्किल है कि उनका अगला ठिकाना कौन सी पार्टी में होगा। वैसे इतना तय है कि शत्रुघ्न सिन्हा का अगला ठिकाना कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल में से एक पार्टी को होगी।
हालाँकि शत्रुघ्न सिन्हा के आम आदमी पार्टी के नेताओं से भी काफी अच्छे सम्बन्ध हैं और वे आम आदमी पार्टी के कार्यक्रमों में भी शिरकत करते रहे हैं। वहीँ दूसरी तरफ वे कांग्रेस नेताओं इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी की भी तारीफ़ करते रहे हैं। वहीँ यह भी कहा जा रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा क्षेत्रीय दल में शामिल होने की जगह अगर राष्ट्रीय दल को महत्व देते हैं तो वे कांग्रेस में शामिल होंगे।
बीजेपी के तीसरे सांसद वरुण गांधी को लेकर भी चर्चाएं गर्म हैं कि वे 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के टिकिट पर नहीं लड़ेंगे। पिछले दिनों गल्फ न्यूज़ में प्रकाशित एक रिपोर्ट को सच माने तो वरुण गांधी ने अपने एक करीबी मित्र से यह बात शेयर की थी कि वे अगला चुनाव बीजेपी के टिकिट पर लड़ने के इच्छुक नहीं हैं।
ऐसे में कयास लगना लाजमी है कि यदि वरुण गांधी बीजेपी के टिकिट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे तो किस पार्टी का दामन थामेंगे। वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर मीडिया में कई बार खबरे आती रही हैं लेकिन हर बार वरुण गांधी इन खबरों से पल्ला झाड़ते रहे हैं। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि 2014 में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने उन्हें हाशिये पर धकेल दिया है।
बीजेपी में वरुण गांधी सिर्फ एक सांसद बनकर रह गए। उनके पास न संगठन में कोई अहम ज़िम्मेदारी है और न ही सरकार में उन्हें कोई ज़िम्मेदारी दी गयी। ऐसे हालातो यदि वरुण गांधी बीजेपी छोड़ते हैं तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
फ़िलहाल यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश की तेजी से बदली राजनीति में प्रियंका गांधी के सक्रीय होने के बाद क्या वरुण गांधी कांग्रेस का दामन थामेंगे ? मीडिया में आयी खबरों को सच माने तो वरुण गांधी अपनी बहिन प्रियंका गांधी के सम्पर्क में बने रहते हैं। इसलिए ज़ाहिर है कि प्रियंका गांधी के सक्रीय राजनीति में आने के बाद वरुण गांधी और प्रियंका के बीच संवाद अवश्य हुए होंगे और इन संवादों में वरुण गांधी के अगले ठिकाने को लेकर भी बातचीत हुई होगी।
फिलहाल देखना है कि शत्रुघ्न सिन्हा और कीर्ति आज़ाद के साथ वरुण गांधी क्या निर्णय लेते हैं ? यदि वरुण गांधी सच में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामते हैं तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ी ताकत और बीजेपी को एक बड़ा घाटे से रूबरू होना तय है।