मध्य प्रदेश:11 सीटों तक पहुंची हाथरस मामले की धमक, तोड़ ढूंढ़ रही बीजेपी

मध्य प्रदेश:11 सीटों तक पहुंची हाथरस मामले की धमक, तोड़ ढूंढ़ रही बीजेपी

भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हो रहे विधानसभा के उपचुनाव के बीच 11 सीटों पर हाथरस कांड की धमक सुनाई देने से परेशान बीजेपी इसका तोड़ ढूंढने में लगी है। उपचुनाव वाली 28 सीटों में से 11 सीटें सुरक्षित हैं। इन 11 सीटों पर अनुसूचित जाति,जनजातियों और आदिवासी मतदाताओं की तादाद निर्णायक भूमिका में हैं।

उपचुनाव के लिए चल रहे चुनाव प्रचार के बीच हाथरस में दलित युवती के साथ हुए गैंग रेप की चिंगारी देश के कई राज्यों तक पहुंची हैं। उत्तर प्रदेश से दूर तमिलनाडु जैसे गैर हिंदी राज्य में भी हाथरस कांड में पीड़ित परिवार को न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए हैं।

वहीँ उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के एससी/एसटी बाहुल्य इलाको में हाथरस काण्ड की धमक सुनाई दे रही है। हाथरस कांड में जिद तरह गैंग रेप पीड़िता युवती की मौत के बाद उसका आनन-फानन में आधी रात के बाद अंतिम संस्कार किया जाना चर्चा का विषय है और पीड़ित परिवार को न्याय मिलने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।

ज़ाहिर है हाथरस कांड का असर उपचुनाव वाली उन सीटों पर अवश्य पड़ेगा जहाँ अनुसूचित जाति के मतदाताओं की तादाद अधिक है और जो निर्णायक भूमिका में हैं। उपचुनाव वाली जो 11सीटें सुरक्षित वर्ग के लिए हैं उनमे 9 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और दो आदिवासी वर्ग के लिए सुरक्षित हैं।

वहीँ 11 सीटों पर खतरे को भाँपती हुई भारतीय जनता पार्टी अब दलितों को लुभाने में जुट गई है। सूत्रों की माने तो संघ इन सभी 11 सीटों पर काम कर रहा है और संघ के प्रचारक गाँवों में डेरा डाले हैं।

दूसरी तरफ बीजेपी की परेशानी पार्टी उम्मीवारों के विरोध को लेकर है। कई इलाको में बीजेपी उम्मीदवारों का विरोध और ग्वालियर इलाके में सिंधिया समर्थको और बीजेपी कार्यकर्ताओं में पिछले दिनों हुई मारपीट पार्टी के लिए चिंता का विषय है।

फिलहाल देखना है कि जैसे जैसे चुनाव करीब आते हैं मध्य प्रदेश की चुनावी राजनीति किस तरह करवट बदलती है। इतना अवश्य तय है कि उपचुनाव में सभी सीटों पर नहीं लेकिन कम से कम 11 सुरक्षित सीटों पर अभी से हाथरस कांड की धमक अवश्य सुनाई दे रही है।

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TeamDigital