ज़ुबान या सिर काटकर लाने पर इनाम घोषित करने वालो से पूछताछ क्यों नही करता IT विभाग

ज़ुबान या सिर काटकर लाने पर इनाम घोषित करने वालो से पूछताछ क्यों नही करता IT विभाग

ब्यूरो(राजा ज़ैद) । मामला राजनीति का हो या धार्मिक , कुछ लोगों को देखा गया है कि वे लाखो करोडो रुपये के इनाम की घोषणा कर देते हैं । पिछले दिनों ज़ाकिर नाइक के मामले में विहिप नेता साध्वी प्राची ने ज़ाकिर नाईक का सिर काटकर लाने वाले को 50 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी । वहीँ बसपा की एक नेत्री ने बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह द्वारा बसपा सुप्रीमो पर की गई कथित टिप्पणी के लिए उसकी ज़ुबान काटने पर 50 लाख देने की घोषणा की ।

हालाँकि यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी इस तरह की घोषणाएं होती रही हैं । इनामो की बड़ी रकम की घोषणाएं उन लोगों ने ज़्यादा कीं जो न तो पूंजीपति हैं और न ही औद्योगिक घराने से ताल्लुक रखते हैं । एक बड़ा सवाल है कि क्या ऐसी घोषणाओं में कोई गम्भीरता होती है या सिर्फ नाम और शोहरत पाने के लिए ऐसी घोषणाएं की जाती हैं ।

अगर इस सवाल का जबाव तलाश करना है तो आयकर विभाग को ऐसे लोगों से गहन पूछताछ करनी चाहिए जो लाखो रुपये के इनाम की घोषणा करते हैं । आखिर किस आधार पर इतनी बड़ी रकम की घोषणा की जा रही है ।

चूँकि किसी को मारने के बदले वित्तीय फायदा देने का मामला है इसलिए यह अपराध तो है ही या दूसरे शब्दो में कहें तो ये सीधा सीधा सुपारी देना है लेकिन ऐसे किसी मामले में कार्यवाही न के बराबर ही देखने को मिली है । इसलिए ऐसी घोषणाएं कराने के पीछे असल चेहरा कौन है इसका पता तब ही चल पायेगा जब आयकर विभाग घोषणा करने वाले से पूछताछ करे कि वह इतनी बड़ी रकम का बदोबस्त कैसे और कहाँ से करेगा ।

यहाँ एक बड़ा उदाहरण उन लोगों का है जो किसी की गर्दन उतारने या जुबान काटने के लिए लाखो रुपये के इनाम की घोषणा करते हैं लेकिन खुद को सन्यासी भी कहते हैं । यदि किसी सन्यासी के पास वाकई में इतनी बड़ी रकम जमा है तो आयकर विभाग को ये मालुम करना चाहिए कि खुद को सन्यासी कहने वाले ने इतनी बड़ी रकम को कहाँ छिपाया हुआ है और उसने इतनी बड़ी रकम कैसे जमा की ? और यदि ऐसी घोषणा कोई आम आदमी करता है तो उसकी आमदनी का व्यौरा भी जांचा जाना चाहिए ।

 ऐसी घोषणाएं करने वाला कोई बाबा हो, संत हो, मौलाना हो या कोई नेता उस पर आयकर विभाग को तुरन्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है जिससे रोज़ रोज़ होने वाले इन नफरत भरी घोषणाओं पर अंकुश लगाया जा सके तथा ऐसी घोषणाओं को कौन प्रोयोजित करता है उसका असली चेहरा देश के सामने लाया जा सके ।

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