ज़ाकिर नाईक के समर्थन में आये धर्म गुरुओं ने कहा ‘यह गहरी साजिश का हिस्सा है’
नई दिल्ली । विवादित इस्लामी वक्ता जाकिर नाइक के मुद्दे पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने एकजुट होकर इसे गहरी साजिश का हिस्सा करार दिया है । ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना रशीद फिरंगी महली ने कहा कि नाइक को किनारे किया जाना एक ‘गहरी साजिश’ का हिस्सा है।
उन्होंने कहा- ”एक व्यक्ति जिसके 1.4 करोड़ फॉलोवर्स में कुछ आतंकवादी बन गए हों, इसके लिए उसे कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। यह सरासर अन्याय है।” मौलाना ने नाइक के खिलाफ सरकार की जांच के कदम का स्वागत किया। महली ने कहा, ”अगर आपको शक है तो जांच होनी ही चाहिए। लेकिन जिस तरह मीडिया द्वारा उनका चरित्र हनन किया जा रहा है, उसे सही नहीं ठहराया जा सकता।”
इस्लामिक संस्था दारूल उलूम देवबंद ने जाकिर नाइक को ‘साजिश का शिकार’ बताया है। संस्था ने जाकिर नाइक के खिलाफ जारी किए फतवों को गलत संदर्भ में लिए जाने का भी आरोप लगाया। देवबंद के अनुसार उसके फतवे मुस्लिम संप्रदायों से जुड़े थे ना कि इस आरोप से कि जाकिर की तकरीरों ने ढाका कैफे के आतंकियों पर प्रभाव डाला था।
दारूल उलूम देवबंंद के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने बताया कि फतवों को कुछ टीवी चैनलों और अखबारों ने ‘जानबूझकर हाईलाइट’ किया। उस्मानी ने कहा, ”इसलिए देवबंद द्वारा पूर्व में दिए गए फतवों को नाइक के आतंकवाद से कथित संबंधों से जोड़ना गलत और आपत्तिजनक है।” उन्होंने कहा कि ईद के मौके पर व्यस्तता के चलते देवबंद नाइक पर अपना रुख तय नहीं कर पाया। –
वहीँ डायरेक्टर शिब्ली एकेडमी के प्रोफेसर इश्तियाक अहमद जिल्ली ने कहा कि हर व्यक्ति को देश के कानून के भीतर बोलने का अधिकार है, लेकिन ‘मीडिया ट्रायल’ सही नहीं है। इसी मसले पर, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना यासूब अब्बास ने नाइक का विरोध करते हुए कहा कि जिन लोगों की सोच ‘वहाबी’ है, वे नाइक के भाषणों से प्रभावित होकर आतंकवाद की तरफ जा रहे थे। उन्होंने कहा कि नाइक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उनके भाषणों पर बैन लगना चाहिए और उनसे भारतीय नागरिकता छीन लेनी चाहिए।