हिंदू महासभा ने लगाई नाथूराम गोडसे की मूर्ति, सर्जिकल स्ट्राइक को बताया गोडसे की विचारधारा का नतीजा
मेरठ । उत्तर प्रदेश के मेरठ में गांधी जयंती के मौके पर अखिल भरतीय हिंदू महासभा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाई। इस दौरान महासभा ने बीजेपी से कहा कि वह विनायक दामोदर सावरकर और नाथू राम गोडसे के बीच भेदभाव न करने को कहा है।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने गोडसे की मूर्ति लगाते हुए गांधी जयंती को धिक्कार दिवस के रुप में मनाया। हिंदू संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने गोडसे को देश का हीरो घोषित करते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि बीजेपी सरकार नाथू राम गोडसे के बलिदान को समझेगी और उसे सावरकर की तरह ही उसकी सराहना भी करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंदू संगठन के नेता ने गोडसे की तारीफ करते हुए कहा कि राजनैतिक अवसरवाद के चलते दलों में गोडसे की विरासत को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है।
अगर मोदी सरकार सावरकर की सराहना करती है और साल उनकी संसद में लगी उनकी फोटो पर माला चढ़ाती है तो उन्हें गोडसे के योगदान को भी ध्यान रखना चाहिए। दोनों के बीच किसी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए क्योंकि सावरकर और गोडसे एक ही विचारधारा से आते हैं जिसको बीजेपी और आरएसएस अवसरवाद के कारण स्वीकार करने से डरते हैं।
गोडसे के हर कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले एक अन्य हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े एक और सदस्य ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से एलओसी के उस पार किया गया सर्जिकल की प्रतिक्रिया स्ट्राइक गोडसे की विचारधारा से उपजी है न कि गांधीजी की विचारधारा का। गांधी की विचारधारा के कारण की भारत, चीन के साथ युद्ध हार गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक संगठन के नेताओं ने कहा कि उन्होंने 2014 में भी गोडसे की मूर्ति स्थापित करने का प्रयास किया था तो पुलिस ने उस जगह को सील कर दिया था। बाद में यह मामला कोर्ट गया। इस बार हमने पूरी तैयारी और सावधानी से 2 अक्टूबर के दिन गोडसे की मूर्ति स्थापित की।