हाशिमपुरा मामले में कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए पीएसी के जवान दिल्ली में करेंगे सरेंडर
नई दिल्ली। हाशिमपुरा मामले कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए पीएसी के रिटायर्ड और कार्यरत 15 जवान दिल्ली की अदालत में आत्म समर्पण करेंगे। जानकारी के मुताबिक सभी दोषी जवान 22 नवंबर को दिल्ली की कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं।
हाशिमपुरा मामले में कोर्ट ने 19 पीएसी के जवानो को दोषी माना था लेकिन अब उनमे से पंद्रह जवान ही ज़िंदा है। देश की सबसे बड़ी कस्टोडियल मौत के हाशिमपुरा मामले में सुप्रीमकोर्ट अपना फैसला सुना चुकी है।
इससे पहले इस जघन्य हत्याकांड में 31 अक्टूबर को सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए 16 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी । इनमे से एक आरोपी पीएसी कर्मी ही हाल ही में मृत्यु हो गयी है।
साल 1987 में हुए इस मामले में कुल 19 आरोपित थे, इनमें से तीन की सुनवाइ के दौरान ही मौत हो चुकी है। बचे सभी 16 आरोपितों को दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं, फायरिंग और पुलिस कर्मियों की एंट्री के सबूत हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के 42 लोगों को मारा गया था।
मामले में निचली अदालत ने 16 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया था। इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और अन्य पक्षकारों ने चुनौती याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई पूरी कर हाई कोर्ट ने 6 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। साथ ही पीठ ने राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा था, जिसमें उन्होंने इस मामले में तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका की जांच की मांग की थी।
21 मार्च 2015 को निचली अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए पीएसी के 16 पुलिसकर्मियों को 42 लोगों की हत्या के मामले में बरी कर दिया था।
मई, 1987 में उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के हाशिमपुरा मोहल्ले से तलाशी के नाम पर मुसलमानों को उठाकर पीएसी (प्रोवेंशियल आर्मड काउंस्टेबलरी) की 41वी कंपनी के जवानों ने गोली मारी थी। इसमें कुल 40 लोग मारे गए थे। इस हत्याकांड की चार्जशीट गाजियाबाद में 1996 में दाखिल की गई।