हार के बाद आप में रार, अलका लांबा ने दिए जल्द पार्टी छोड़ने के संकेत
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की पराजय के बाद अब पार्टी के अंदर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने अरविन्द केजरीवाल से पार्टी का संयोजक पद छोड़ने की मांग उठाई है।
अलका लांबा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल को खुद ही पार्टी का संयोजक पद छोड़ देना चाहिए और इस पद पर आप के राज्य सभा सांसद संजय सिंह को न्युक्त करना चाहिए।
अलका लांबा ने ट्वीट कर कहा कि अगर दिल्ली जीतनी है तो अरविंद जी को दिल्ली पर फोकस करना चाहिये और संविधान के मुताबिक पार्टी कन्वीनर का पद संजय सिंह जी को सौंप देना चाहिये उन्हें संगठन का अनुभव भी है।
लांबा ने कहा कि सीएम ग्रुप में जब आप विधायकों के संदेश पढ़ेंगे तो पढ़ कर पता चलेगा कि बेचारों की अंदर सुनी नही जाती,बाहर बोल नही सकते,बस घुट रहे हैं। उन्होंने लिखा कि दिल्ली दुबारा जीतनी है तो अपनी मत सुनाइये,विधायकों और कार्यकर्ताओं की सुनिये। उम्मीद है कि आज के सम्मेलन में बिना डरे विधायक और कार्यकर्ता बोल पायेगें।
अलका लांबा ने पार्टी ट्वीट के जरिए पार्टी छोड़ने के भी संकेत दिए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि 2013 में आप के साथ शुरू हुआ उनका सफर 2020 में खत्म हो जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बनी रहेगी। अलका लांबा ने पार्टी के साथ 6 साल के अपने सफर को यादगार बताया है।
गौरतलब है कि अलका लांबा को शनिवार को पार्टी विधायकों के व्हाट्सऐप ग्रुप से एक बार फिर बाहर कर दिया गया है। इस व्हाट्सएप ग्रुप में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं। लांबा ने दावा किया कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पांचवे कार्यकाल के लिये मिली जीत पर उन्हें बधाई देने की वजह से उन्हें वॉट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया।
वॉट्सऐप ग्रुप का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर करते हुए उन्होंने केजरीवाल की निंदा की और पूछा कि आखिर उन्हें ही क्यों लोकसभा चुनावों में मिली पार्टी की हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस स्क्रीनशॉट में यह साफ दिख रहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली से आप के उम्मीदवार रहे दिलीप पांडे ने उन्हें हटाया है।