हार्दिक पटेल द्वारा कांग्रेस को समर्थन के एलान के बाद 70 से 90 के फेर में फंसी बीजेपी

हार्दिक पटेल द्वारा कांग्रेस को समर्थन के एलान के बाद 70 से 90 के फेर में फंसी बीजेपी

अहमदाबाद। हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत समिति द्वारा कांग्रेस के समर्थन की घोषणा के बाद गुजरात में तेजी से बदले राजनैतिक परिदृश्य के बाद कांग्रेस का पलड़ा और भारी नज़र आने लगा है।

स्थानीय लोगों की माने तो अब बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव में सौ के आंकड़े तक पहुँच पाना मुश्किल दिख रहा है। पाटीदारो द्वारा कांग्रेस के समर्थन के एलान के बाद अब स्थानीय लोग बीजेपी को 70 से 90 सीटों के बीच ठहरा हुआ बता रहे हैं।

स्थानीय लोगों का मानना है कि अब कांटे की टक्कर है और एक एक सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के लिए अहम हो गयी है। स्थानीय जानकारों के अनुसार यदि कांग्रेस बीजेपी को 70 सीटों के अंदर निपटा लेती है तभी वह सरकार बना पाएगी अन्यथा राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थति भी बन सकती है।

जानकारों की माने तो बीजेपी भले ही हार्दिक पटेल को ऊपरी तौर पर गंभीरता से नहीं ले रही लेकिन सरकार से नाराज़गी के चलते इस बार वोट प्रतिशत बढ़ेगा, जिससे बीजेपी को नुक्सान होगा। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि हार्दिक फेक्टर को छोड़ भी दिया जाए तब भी गुजरात के लोगों की सरकार से नाराज़गी बीजेपी उम्मीदवारों को भारी पड़ सकती है।

लोगों का कहना है कि सिर्फ सौराष्ट्र और पाटीदारो का सवाल नहीं है। पूरे गुजरात में किसान, व्यापारी और युवाओ का जो वर्ग कभी बीजेपी के साथ होता था इस बार वह कांग्रेस के साथ है। इसलिए बीजेपी को घाटा होना तय है।

वहीँ लोगों का कहना है कि राज्य में इस बार कांग्रेस के समर्थन में लहर नहीं है बल्कि राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ हवा है और यह सरकार विरोधी हवा आने वाले दिनों में और तेजी से बहने वाली है।

लोगों ने कहा कि आज हम बीजेपी को 70 सीटों के आसपास देख रहे हैं लेकिन चुनाव आते आते सरकार विरोधी लहर के कारण सीटों की ये संख्या और भी नीचे जा सकती है। लोगों ने कहा कि सीटों के मामले में आज गुजरात विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी की जो स्थति है बस उसका उल्टा समझ लीजिये। आज जो बीजेपी के पास सीटें हैं, आगामी चुनाव के बाद कांग्रेस के पास उतनी सीटें हो सकती हैं।

वहीँ लोगों का कहना है कि कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद ही सही से पता चल सकेगा कि कांग्रेस किसे किसे उम्मीदवार बनाती है. चुनाव को लेकर तभी कोई स्पष्ट राय बनायीं जा सकती है लेकिन फिलहाल इतना तय है कि बीजेपी पिछले विधानसभा चुनाव जैसी सुरक्षित स्थति में अब नहीं है। इस चुनाव में बीजेपी बड़े रिस्क के मुहाने पर खड़ी है।

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TeamDigital