हाजी अली दरगाह में प्रवेश से पहले ही बिखर गया तृप्ति देसाई का आंदोलन

Trapti-desai

मुंबई । हाजी अली दरगाह में महिलाओं को प्रवेश देने की मांग को लेकर छिड़ा आंदोलन गुरुवार को बिखर गया। आंदोलन के समन्वयक और तृप्ति देसाई के अलग-अलग रुख के कारण यह स्थिति पैदा हुई।

बीते कल मुंबई की मशहूर हाजी अली दरगाह पहुंचीं पहुंची तृप्ति देसाई को जोरदार विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें दरगाह से दूर रखा। वैसे, तृप्ति के इस रुख से आंदोलन के आयोजक और उनके बीच की मत भिन्नता स्पष्ट हुई। आंदोलन दरगाह से दूर आंदोलन कर अपनी बात रखना चाहता था। आंदोलन के समन्वयक फ़िरोज़ मिठिबोरवाला ने कहा कि हम दरगाह में जाने पर अडिग नहीं हैं।

2011 के बाद से महिलाओं के मजार तक जाने पर है पाबंदी
हाजी अली दरगाह में 2011 के बाद महिलाएं मजार तक नहीं जा सकती। इसके खिलाफ़ बॉम्बे हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर फैसला आना अभी बाकी है। इससे पहले महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का सफल अभियान चलाने वालीं भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई ने कहा था कि वे इस दरगाह में प्रवेश करके रहेंगी।

तृप्ति और उनकी टीम दोपहर से इस क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन कर रही थी। उन्‍होंने कहा ‘दरगाह में प्रवेश करने तक हम यह स्थान नहीं छोड़ेंगे। हालांकि उन्होंने यह आश्वस्त किया था कि वे दरगाह के उस एरिया तक नहीं जाएंगी जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।’ बहरहाल भूमाता ब्रिगेड की नेता ने शाम को यहां से रवाना हो गईं।

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